श्रीलालेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में राष्ट्रीय चिंतन शिविर सम्पन्न हुआ

shreecreates
quicjZaps 15 sept 2025

बीकानेर, 30 जून। श्रीलालेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में ब्रह्मलीन परम पूज्य स्वामी संवित् श्रीसोमगिरि जी महाराज की पावन स्मृति मंे उनके कृपापात्र शिष्य, मंदिर अधिष्ठाता पूज्य स्वामी श्रीविमर्शानंद गिरिजी महाराज के सान्निध्य में दो दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन शिविर का समापन हो गया।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl

शिविर का उद्घाटन सत्र में 2 जुलाई को प्रातः 10ः00 बजे किया गया, जिसमे मंदिर अधिष्ठाता स्वामी श्रीविमर्शानंदगिरि जी महाराज, स्वामी अदृश्य काडसिद्धेश्वर स्वामीजी, मठाधिपति, सिद्धगिरि, मठ, कणेरी, कोल्हापुर व चेयरमेन, भा.कृ.अनु.प.-श्रीसिद्धिगिरि कृषि विज्ञान केन्द्र, कणेरी, कोल्हापुर (महाराष्ट्र), स्वामी कृष्णानंद जी, पूज्य स्वामी त्स्वामी ऋषभदेवानंद जी, पूर्व सिंचाई मंत्री, देवी सिंह भाटी द्वारा दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभांरभ किया गया।

pop ronak
kaosa

जिसमें स्वामी केशवानंद कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर के कुलपति अरुण कुमार सिंह पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति हेमंत दाधीच तथा तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. वल्लभ कथीरिया, गोपाल उपाध्याय, कमलेश गुप्ता, कान सिंह, किशन जाखड़, पद्मश्री लक्ष्मण सिंह व एनआरसीसी व एनआरएच के निदेशक सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों के पीठाधिश्वर, सतं-महात्मा तथा अपने-अपने कृषि, गो-संवर्धन, सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से विषय-विशेषज्ञों सहित अनेक साधक इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

पूज्य स्वामी श्रीविमर्शानंदगिरि जी महाराज ने चिन्तन शिविर में पंचमहायज्ञ- जिसमें पहले स्वयं का निमार्ण, सज्जशक्ति का राष्ट्रहित में योगदान, जैविक कृषि तथा भारतीय कृषि व्यवस्था एवं गो-संवर्धन में जनमानस की सहभागिता के लिए प्रचार-प्रसार के माध्यम से इनसे होने वाले लाभ पर प्रकाश डाला।

स्वामी अदृश्य काडसिद्धेश्वर स्वामीजी महाराज ने कहा कि आज पूरे भारत में आज ग्राम्य संस्कृति की जैविक कृषि जैसे विषय सृष्टि-जगत के लिए अपरिहार्य है, जिनके लिए चिंतन-मनन होना आज की वर्तमान स्थिति के लिए अति आवश्यक है। स्वामी कृष्णानंद जी, स्वामी त्याग वल्लभ जी, स्वामी ऋषभदेवानंद जी, पूर्व सिंचाई मंत्री, देवी सिंह भाटी आदि ने भी विभिन्न समसामयिक विषयों पर अपने विचार रखें।

मानव प्रबोधन प्रन्यास के विजेन्द्र सिंह भाटी के अनुसार इस कार्यक्रम में पंचमहाभूत संरक्षण के लिए ’दिव्य भारत’ की रचना की गई। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. वल्लभ कथीरिया, गोपाल उपाध्याय, कमलेश गुप्ता, कान सिंह, किशन जाखड़, पद्मश्री लक्ष्मण सिंह व एनआरसीसी व एनआरएच के निदेशक, स्वामी त्याग वल्लभ जी, लखनऊ से पधारे गोपाल उपाध्याय ने कार्यक्रम का संचालन किया।

प्रन्यास के राजकुमार कौशिक, हरीशचंद्र शर्मा, बजरंगलाल शर्मा, सुरेश गुप्ता, रमेश शर्मा, विजय सिंह राठौड़, रमेश जोशी, धनश्याम साध, हरिओम पूंज, साकेत शर्मा, रूप सिंह भाटी, पार्थसारथी आढ़ा, अशोक कुवेरा, सुनंदन आढ़ा, मोहित अग्रवाल सहित 70 से अधिक साधकों का सहयोग रहा।

भीखाराम चान्दमल 15 अक्टूबर 2025
mmtc 2 oct 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *