राजस्थान यूनिवर्सिटी में NSUI कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज



ABVP के शस्त्र पूजन का विरोध




जयपुर, 30 सितंबर । राजस्थान यूनिवर्सिटी (RU) में मंगलवार शाम अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के शस्त्र पूजन कार्यक्रम को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने वाले थे। आयोजन का विरोध करने पहुँचे NSUI कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें 6 छात्रों को चोट आई और 12 NSUI कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया।
कैंपस में बवाल और तोड़फोड़
विरोध का कारण: ABVP ने यूनिवर्सिटी परिसर स्थित विधि कॉलेज ग्राउंड में विजयदशमी के अवसर पर शस्त्र पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसके लिए कुलपति कार्यालय से अनुमति भी ली गई थी।



NSUI का आरोप: NSUI कार्यकर्ताओं ने इस आयोजन का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि शैक्षणिक संस्थान को किसी खास राजनीतिक या सांप्रदायिक संगठन का मंच नहीं बनने दिया जा सकता। NSUI प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ ने कहा कि यूनिवर्सिटी ज्ञान और वैज्ञानिक सोच का केंद्र होनी चाहिए, न कि उग्र राष्ट्रवाद की पूजा का अड्डा। उन्होंने कुलपति अल्पना कटेजा पर भी निशाना साधा।
हंगामे की शुरुआत: NSUI कार्यकर्ता कार्यक्रम स्थल पर पहुँचे और स्टेज से RSS के बैनर को फाड़ दिया, जिसके बाद दोनों संगठनों के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए और स्थिति बेकाबू हो गई।
पुलिस कार्रवाई और आरोप-प्रत्यारोप
लाठीचार्ज और हिरासत: स्थिति बेकाबू होते देख गांधीनगर थाना पुलिस मौके पर पहुँची और तेज बारिश के बीच ही कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया। पुलिस ने 12 NSUI कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया।
पुलिस का पक्ष: गांधीनगर थाना पुलिस ने बताया कि NSUI कार्यकर्ता बिना अनुमति परिसर में घुसकर कार्यक्रम को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे, इसलिए हुड़दंग को शांत करने के लिए लाठीचार्ज किया गया।
NSUI का पलटवार: NSUI छात्र नेता महेश चौधरी और नीरज खींचड़ ने पुलिस पर RSS के इशारे पर बर्बरता करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने न केवल छात्रों को पीटा, बल्कि उनकी गाड़ियों के शीशे भी तोड़े।
वरिष्ठ नेताओं ने की निंदा
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सोशल मीडिया पर इस घटना की कड़ी निंदा की। अशोक गहलोत ने RSS के कार्यक्रम को आपत्तिजनक बताते हुए कहा कि यह दिखाता है कि राजस्थान में कानून का राज खत्म हो रहा है और पुलिस RSS के दबाव में काम कर रही है।टीकाराम जूली ने पुलिस लाठीचार्ज को अत्यंत निंदनीय बताते हुए मुख्यमंत्री से शिक्षा के मंदिरों को राजनीति का अखाड़ा न बनाने की अपील की और सभी गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को तुरंत रिहा करने की मांग की।

