पैपा की “ज्ञान-प्रबोध” कार्यशाला संपन्न-RTE सरकारी योजनाओं पर मिले नए अपडेट्स, डमी सिस्टम खत्म करने की मांग


बीकानेर, 10 नवंबर। गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं के कल्याण के लिए कार्यरत प्राईवेट एज्यूकेशनल इंस्टीट्यूट्स प्रोसपैरिटी एलायंस (पैपा) एवं वॉयस आफ एज्यूकेशन “ज्ञानायाम” के संयुक्त तत्वावधान में “ज्ञान-प्रबोध” कार्यशाला एवं दीपावली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। स्टेशन रोड़ स्थित महाराजा नरेंद्र सिंह ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में शिक्षा विभाग एवं महिला आधिकारिता विभाग से जुड़े नए अपडेट्स साझा किए गए।
सरकारी योजनाओं और RTE पर चर्चा
मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक डॉ. विजयशंकर आचार्य थे, जबकि अध्यक्षता मेहरबान सिंह खालसा ने की। महिला आधिकारिता विभाग की प्रबन्ध निदेशक कविता हुरकट, शिवरतन और नन्दकिशोर ने लाडो प्रोत्साहन योजना और पन्नाध्याय योजना सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला। निदेशालय के आरटीई सैल के प्रभारी अरुण स्वामी ने आरटीई और पी एस पोर्टल से संबंधित अद्यतन जानकारियाँ दीं और संभागियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया।



पैपा के प्रदेश समन्वयक गिरिराज खैरीवाल ने बताया कि कार्यशाला में टी.सी. और अवकाश के अधिकार पर सार्थक चर्चा हुई, जिस संबंध में शीघ्र ही शिक्षा विभाग से वार्ता की जाएगी। साथ ही, आरटीई की यूनिट कॉस्ट में तर्कसंगत वृद्धि और बकाया राशि शीघ्र जारी कराने के प्रयासों पर भी विचार हुआ। मालचन्द सुथार ने पीएफ एवं ईएसआई से संबंधित जानकारी दी, जबकि घनश्याम साध ने करुणा इण्टरनेशनल और गीता श्लोक प्रतियोगिता की जानकारी प्रदान की।



डमी सिस्टम पर विरोध और एकजुटता का आह्वान
मुख्य अतिथि डॉ. विजय शंकर आचार्य ने इस तरह की कार्यशालाओं को ‘सीखने-सिखाने का माध्यम’ और ‘नवीन जानकारियों का सेतु’ बताया। विजय सिंह शेखावत ने अपने विचार प्रकट करते हुए वर्तमान समय में एकजुट होने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने डमी सिस्टम को अत्यंत घातक करार देते हुए इस व्यवस्था को नेस्तनाबूद करने की पैरवी की। कार्यशाला का समापन सामूहिक वन्दे मातरम गान द्वारा हुआ।

गिरिराज खैरीवाल का अभिनंदन
कार्यशाला के दौरान, पैपा के प्रदेश समन्वयक गिरिराज खैरीवाल का विशेष अभिनंदन किया गया। यह अभिनंदन उन्हें 12 राज्य स्तरीय संगठनों द्वारा गठित सामूहिक फोरम “प्राईवेट स्कूल्स फेडरेशन” के सचिव पद की जिम्मेदारी दिए जाने के उपलक्ष्य में किया गया। उन्हें अभिनंदन पत्र, शॉल एवं माल्यार्पण द्वारा सम्मानित किया गया, तथा विजयसिंह शेखावत ने पुष्प गुच्छ भेंट किया।








