सकारात्मक सोच से भारत को ‘विश्व आध्यात्मिक गुरु’ बनाने का आह्वान- बी.के. शिवानी दीदी


बीकानेर, 14 दिसंबर। विश्व विख्यात मोटिवेशन स्पीकर और राजयोग शिक्षिका बी.के. शिवानी दीदी ने कहा है कि भारत को ‘स्वर्णिम भारत’ और ‘विश्व आध्यात्मिक गुरु’ के रूप में प्रतिष्ठित करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपनी दिनचर्या में सकारात्मक सोच और संकल्प को हिस्सा बनाना होगा। उन्होंने लोगों से नकारात्मक परिस्थिति, सोच और गतिविधियों को मन पर हावी न होने देने का आह्वान किया। बी.के. शिवानी दीदी रविवार को जयपुर-जोधपुर बाईपास स्थित श्री गणेशम रिसोर्ट में “नया संकल्प, नया जीवन” विषय पर विशेष व्याख्यान दे रहीं थीं।



6000 से अधिक श्रद्धालुओं ने लिया राजयोग ध्यान का अभ्यास



उपस्थिति: व्याख्यान सुनने के लिए राजस्थान के विभिन्न प्रांतों के साथ-साथ देश के अनेक हिस्सों से करीब छह हजार से अधिक श्रद्धालु बीकानेर पहुँचे थे।
संकल्प: उन्होंने सभी उपस्थित लोगों को राजयोग ध्यान का अभ्यास करवाया और कलयुग के इस दौर को सतयुग में परिवर्तित करने के लिए अनेक छोटे-छोटे संकल्प दिलवाए। उन्होंने श्रोताओं को 2026 में नए संकल्पों के साथ नया जीवन बनाने का संकल्प दिलाया।
आत्मा का स्वरूप पहचानें
बी.के. शिवानी दीदी ने कहा कि शरीर को चलाने वाली शुद्ध, चेतन, चमकते हुए सितारे की तरह शक्तिशाली आत्मा है, जो प्रेम, शांति और संस्कारों का स्वरूप है। उन्होंने जोर दिया कि हमें स्वयं को तथा अपने आत्म व परमात्म स्वरूप को पहचानना है।
शुभ संकल्प से स्वास्थ्य- उन्होंने कहा कि कलयुग में समस्याएँ आएंगी, लेकिन समस्याओं को मन-मस्तिष्क पर हावी नहीं होने देना चाहिए। उन्होंने बताया कि समस्या के मन में घर करने से शरीर रुग्ण हो जाता है, और बीमारी ठीक करने के लिए मन में शुभ संकल्प दोहराना होगा।
क्रोध पर नियंत्रण- उन्होंने सलाह दी कि क्रोध की अग्नि व्यक्ति के अंतर को जलाती है। क्रोध आने पर अपनी भाषा और सोच को बदलकर शांत रहना है, क्योंकि सोच ही सही स्वास्थ्य बनाती है।
मोबाइल और रात्रि भोजन त्यागने का आह्वान
बी.के. शिवानी दीदी ने खुशहाल जीवन के लिए कुछ व्यावहारिक संकल्प लेने की प्रेरणा दी।
- रात्रि भोजन का त्याग करना चाहिए।
- सोने से पहले और सुबह उठने से पहले एक घंटे मोबाइल का त्याग करना चाहिए, क्योंकि वैज्ञानिकों ने साबित किया है कि अनेक मानसिक बीमारियाँ मोबाइल के अत्यधिक उपयोग से हो रही हैं।
- सोने से पूर्व सकारात्मक चिंतन करना, क्षमा देने के संकल्प को मजबूत करना और दिन भर की गलतियों को दोबारा न होने का संकल्प लेना चाहिए।
- परमात्मा का ध्यान करते हुए योग निद्रा का अभ्यास करना चाहिए।
भारत को शक्ति स्तम्भ बनाने का लक्ष्य
बी.के. शिवानी ने चिंता व्यक्त की कि भारतीय संस्कृति में आए बदलाव ने लोगों को भौतिकता की दौड़ की ओर धकेल दिया है, जिससे वे धर्म, आध्यात्म और ध्यान जैसे सकारात्मक विचारों से दूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोच और संकल्प से ही सृष्टि बदलती है। हमें शक्ति स्तम्भ बनकर घर, परिवार और समाज में स्वर्ग बनाना है।
अतिथियों ने किया दीप प्रज्वलन
व्याख्यान के शुभारम्भ में केन्द्रीय विधि एवं कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल, संभागीय आयुक्त विश्राम मीणा, और महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलगुरु मनोज दीक्षित सहित अनेक जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने दीप प्रज्वलन किया। केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि भारत को स्वर्णिम व आध्यात्मिक गुरु के रूप में प्रतिष्ठित करने के लिए आध्यात्मिक चेतना व ध्यान आवश्यक है। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की क्षेत्रीय केन्द्र प्रभारी बी.के. कमल ने अतिथियों का स्वागत किया।
रविन्द्र रंगमंच पर तीन दिवसीय व्याख्यान 15 दिसंबर से
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केन्द्र सार्दुल गंज के तत्वावधान में सोमवार, 15 दिसंबर से 17 दिसंबर तक शाम 6 बजे से 7 बजे तक अंतरराष्ट्रीय प्रेरक वक्ता डॉ. बी.के. शक्ति राज भाई का “मेडिटेशन फॉर पॉवरफुल माईंड एवं हैप्पी लाइफ” विषय पर विशेष व्याख्यान होगा।








