राष्ट्रपति ने जगदीप धनखड़ का इस्तीफा किया रद्द, उपराष्ट्रपति पद पर बने रहेंगे ?



संवैधानिक प्रक्रिया के तहत बड़ा फैसला: धनखड़ का इस्तीफा नामंजूर




नई दिल्ली, 2 अगस्त । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का त्यागपत्र अस्वीकार कर दिया है। इसके साथ ही धनखड़ अब अपने कार्यकाल की शेष अवधि तक पद पर बने रहेंगे। यह फैसला संवैधानिक प्रावधानों और औपचारिक प्रक्रियाओं के तहत लिया गया। त्यागपत्र के पीछे की पृष्ठभूमि- धनखड़ ने हाल ही में व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा सौंपा था। उनका यह कदम राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया था। कई राजनीतिक दलों ने उनके फैसले पर हैरानी जताई थी।


राष्ट्रपति का निर्णय
राष्ट्रपति भवन से जारी बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विचार-विमर्श के बाद धनखड़ का त्यागपत्र स्वीकार नहीं करने का निर्णय लिया है। इसके पीछे संवैधानिक स्थिरता बनाए रखने और पद की गरिमा को बनाए रखने का तर्क दिया गया है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस फैसले पर सत्तारूढ़ दल और विपक्ष, दोनों तरफ से प्रतिक्रियाएं आई हैं। सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने इसे “संविधान की मजबूती” बताया, वहीं विपक्ष ने इसे “राजनीतिक दबाव का परिणाम” करार दिया।
इधर गोदी मीडिया ने कहा है कि जगदीप धनखड़ का त्यागपत्र राष्ट्रपति द्वारा रद्द नहीं किया गया है। इसके विपरीत, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 21 जुलाई, 2025 को उनके उपराष्ट्रपति पद से दिए गए इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है। जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को बताया था। उनके अचानक इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में कई अटकलें पैदा की हैं, खासकर यह देखते हुए कि उन्होंने अपने इस्तीफे वाले दिन भी राज्यसभा की कार्यवाही में हिस्सा लिया था।
उनके इस्तीफे के बाद, नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। चुनाव आयोग ने 1 अगस्त, 2025 को उपराष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी अहम तारीखें जारी कर दी हैं। आवश्यकता पड़ने पर मतदान 9 सितंबर, 2025 को होगा और उसी दिन परिणाम भी जारी किए जाएंगे।
रवीशकुमार का यू टूब पर चल रहा वीडियो सुनिए। ……