प्रोफेसर गिरिराज शर्मा को मूर्तिकला में प्रतिष्ठित राष्ट्रीय ललित कला अकादमी पुरस्कार

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quicjZaps 15 sept 2025

नई दिल्ली, 7 अगस्त। जयपुर के जाने-माने मूर्तिकार और आईसीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर गिरिराज शर्मा को ललित कला अकादमी, भारत सरकार द्वारा मूर्तिकला श्रेणी में प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार का विजेता घोषित किया गया है। यह घोषणा 64वें नेशनल आर्ट एग्जीबिशन के वार्षिक कार्यक्रम में की गई, जहाँ संस्कृति मंत्री, भारत सरकार, श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 5 अगस्त, 2025 को रविंद्र सदन, नई दिल्ली में उन्हें सम्मानित किया।
‘कंस्ट्रक्टिव ऑब्जर्वेशन’ के लिए मिला सम्मान
इस वर्ष की प्रदर्शनी के लिए पेंटिंग और मूर्तिकला श्रेणियों में कुल 5922 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुई थीं, जिनमें से गिरिराज शर्मा की कृति ‘कंस्ट्रक्टिव ऑब्जर्वेशन’ को पुरस्कार के लिए चुना गया।

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30 वर्षों का कलात्मक सफर और धातु प्रेम
गिरिराज शर्मा पिछले 30 वर्षों से मूर्तिकला के क्षेत्र में सक्रिय हैं। बचपन से ही उन्हें मूर्तियाँ आकर्षित करती थीं, जिसकी वजह वे खुद भी नहीं जानते। मिट्टी की मूर्तियाँ बनाते-बनाते कब धातु भी उनके लिए एक माध्यम बन गया, यह सब समय के साथ होता चला गया।

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गिरिराज शर्मा अपनी पुरस्कृत कृति Constructive Observation के साथ

गिरिराज शर्मा को मेटल (धातु) में कार्य करना विशेष रूप से पसंद है। उनका मानना है कि धातु में लय, चमक, वेग, सघनता और रंग (पतीना) का अद्भुत योग-संयोग होता है। उन्होंने धातु कास्टिंग की प्राचीन परंपरा का भी उल्लेख किया, जिसकी शुरुआत सिंधु घाटी सभ्यता में 2600 ईसा पूर्व से ही हो गई थी और आज 4600 वर्षों बाद भी इसकी निरंतरता बनी हुई है।

शर्मा को मूर्तिकला की वास्तविक समझ तब आई जब उन्होंने राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट, जयपुर में प्रवेश लिया। उनकी बनाई हुई कृतियाँ भारतीय रिजर्व बैंक, जयपुर, राजस्थान सरकार, धरम सज्जन ट्रस्ट और लाडनूं सहित कई प्रतिष्ठित स्थानों पर स्थापित हैं।

 

भीखाराम चान्दमल 15 अक्टूबर 2025
mmtc 2 oct 2025

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