राजस्थान में RGHS सूचीबद्ध केमिस्टों के सिम बंद: दवा विक्रेता संघ ने कड़े सवाल उठाए, चेतावनी भी दी

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जयपुर/बीकानेर, 5 अगस्त। राजस्थान में राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) के तहत सूचीबद्ध कई केमिस्टों के बिलिंग सिम अचानक बंद कर दिए गए हैं, जिससे दवा विक्रेताओं में भारी आक्रोश है। प्रादेशिक दवा विक्रेता समिति एवं नागरिक एवं व्यापारी मामलात परिषद, राजस्थान के संयोजक दिलीप कुमार पारीख ने इस कार्रवाई पर कड़े सवाल उठाते हुए इसे RGHS विभाग की “अवैध और अव्यावहारिक कार्यप्रणाली” बताया है।                             सिम बंद करने के कारण और केमिस्टों की आपत्तियाँ
दवा विक्रेताओं के अनुसार, सिम बंद करने के मुख्य कारण ये बताए गए हैं:

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  • सर्वेक्षण (mines) का जवाब न देना: केमिस्टों का कहना है कि उन्हें अक्सर इस बात की जानकारी ही नहीं होती कि उन्हें अपने कंप्यूटर में कोई विवरण भरना है या सर्वेक्षण का जवाब देना है।
  • ड्रग लाइसेंस और बैंक गारंटी का विवरण अपडेट न करना: कई डीलरों को बिना किसी पूर्व सूचना के ही सिम बंद कर दिए गए, जिससे उन्हें यह पता ही नहीं चल पाया कि उन्हें क्या अपडेट करना था।
  • दस या उससे अधिक ‘mines’ वाले डीलरों पर कार्रवाई: जिन डीलरों के सर्वेक्षण की संख्या अधिक थी और जिन्होंने जवाब नहीं दिया, उनके सिम भी बिना किसी डाक सूचना के बंद कर दिए गए।

दिलीप कुमार पारीख ने इस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि अधिकांश मामलों में RGHS विभाग डॉक्टरों द्वारा मांगी गई जांच रिपोर्ट के लिए केमिस्टों को जिम्मेदार ठहरा रहा है, जबकि इन मामलों का संबंध केवल मरीजों से होता है। केमिस्ट जांच रिपोर्ट कहाँ से लाएँगे?

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डॉक्टरों की जवाबदेही और जुर्माने पर सवाल
दवा विक्रेताओं का कहना है कि वे केवल PRX चिह्न (Prescription) के तहत लिखी गई दवाइयों और अपनी गलतियों के लिए जिम्मेदार हैं, न कि डॉक्टरों द्वारा लिखी गई दवाइयों में की गई गलतियों के लिए।

उन्होंने सवाल उठाया कि:

  • RGHS विभाग डॉक्टरों को चेतावनी क्यों नहीं देता कि यदि वे पर्चे पर पूरा कॉलम नहीं भरते हैं या निर्देशों का पालन नहीं करते हैं, तो उन्हें निलंबित किया जा सकता है?
  • समझौते या किसी परिपत्र में कहाँ उल्लेख है कि दवाइयों में किसी भी गलती के लिए केमिस्टों को दंडित किया जाएगा?
  • कहाँ यह उल्लेख है कि दवाइयों के पर्चे अपलोड करने में कोई गलती होने पर केमिस्टों पर बिना किसी गलती के तीन गुना जुर्माना लगाया जाएगा?
  • पारीख ने आरोप लगाया कि यह वसूली केवल RGHS विभाग की आय का स्रोत बन गई है। उन्होंने “वसूली और तीन गुना जुर्माने” के मामले पर पुनर्विचार करने की मांग की है।

समस्या समाधान के लिए समिति बनाने की मांग
दवा विक्रेता संघ ने चेतावनी दी है कि यदि इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो वह दिन दूर नहीं जब अधिकांश केमिस्ट राजस्थान सरकार की इस योजना को छोड़ देंगे। समस्याओं के समाधान के लिए, प्रादेशिक दवा विक्रेता समिति ने केमिस्ट यूनियन के पांच सदस्यों और डॉक्टरों के पांच सदस्यों की एक समिति बनाने की मांग की है। यह समिति दोनों पक्षों के बीच संवाद स्थापित कर मुद्दों का हल निकालने का प्रयास करेगी।

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