श्री जैन महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने राज्य अभिलेखागार एवं रेलवे प्रदर्शनी में जाना विरासत का वैभव


बीकानेर, 13 नवंबर । स्थानीय श्री जैन स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बीकानेर के विद्यार्थियों ने आज शैक्षणिक गतिविधियों के अंतर्गत एक विशेष शैक्षणिक भ्रमण किया। इस भ्रमण में विद्यार्थियों ने बीकानेर रेलवे स्टेशन पर आयोजित प्रदर्शनी तथा राज्य अभिलेखागार, बीकानेर का अवलोकन किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक धरोहरों से परिचित कराना तथा स्थानीय विरासत के प्रति संवेदनशील बनाना था।
रेलवे की विकास यात्रा और तकनीक की जानकारी
भ्रमण के पहले चरण में विद्यार्थियों ने बीकानेर रेलवे स्टेशन की विशेष प्रदर्शनी का अवलोकन किया। यहाँ रेलवे अधिकारियों ने विद्यार्थियों को रेलवे की स्थापना, विकास यात्रा, सिग्नलिंग प्रणाली, इंजन तकनीक, यातायात संचालन और सुरक्षा प्रबंधन के विषय में रोचक जानकारी प्रदान की। विद्यार्थियों ने रेलवे के विभिन्न विभागों — यांत्रिक, परिचालन, निर्माण एवं संचार — के बारे में व्यावहारिक रूप से जानकारी प्राप्त की।



राज्य अभिलेखागार: सांस्कृतिक स्मृति का जीवंत केंद्र
भ्रमण के दूसरे चरण में विद्यार्थियों ने राज्य अभिलेखागार, बीकानेर का दौरा किया। अभिलेखागार में डॉ. मनीष मोदी, वरिष्ठ सहायक ने विद्यार्थियों को इसके ऐतिहासिक महत्व, वहाँ संरक्षित दस्तावेज़ों, पांडुलिपियों, राजकीय अभिलेखों तथा संरक्षण तकनीकों के बारे में विस्तार से बताया। डॉ. मोदी ने कहा कि बीकानेर का राज्य अभिलेखागार देश के सबसे पुराने और समृद्ध अभिलेखागारों में से एक है, जहाँ सैकड़ों वर्ष पुराने राजकीय दस्तावेज़, पत्र और फरमान सुरक्षित हैं।



जीवंत शिक्षण और व्यक्तित्व विकास
भ्रमण के पश्चात, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि ऐसे शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों के लिए जीवंत शिक्षण का माध्यम हैं, जो उनके बौद्धिक और व्यक्तित्व विकास में अमूल्य योगदान देते हैं। मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. शिवराम सिंह झाझडिया ने कहा कि राज्य अभिलेखागार हमारी सांस्कृतिक स्मृति का केंद्र है और विद्यार्थियों को अपनी विरासत पर गर्व करने की प्रेरणा देता है। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सतपाल मेहरा एवं डॉ. भारती सांखला ने बताया कि ऐसे भ्रमण टीम भावना, अनुशासन और सामाजिक जिम्मेदारी को मजबूत करते हैं। स्काउट प्रभारी डॉ. कृष्ण कुमार खत्री ने सहयोग और नेतृत्व के विकास पर जोर दिया, जबकि एन. सी. सी. अधिकारी श्री फरसाराम चौधरी ने अनुशासन को महत्वपूर्ण बताया। वरिष्ठ संकाय सदस्य डॉ. सुशील कुमार दैया ने कहा कि ऐसे अध्ययन भ्रमण विद्यार्थियों में अनुसंधान की प्रवृत्ति को बढ़ावा देते हैं।
श्रीमती राधिका नाहटा, श्रीमती रीना रानी एवं श्रीमती पिंकी भाटी ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि इन गतिविधियों से विद्यार्थियों में सामाजिकता, आत्मविश्वास और संस्कृति के प्रति सम्मान की भावना विकसित होती है। भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने विभिन्न विभागों में जाकर अधिकारियों से संवाद किया और इस अनुभव को अत्यंत रोचक, शिक्षाप्रद और प्रेरणादायी बताया। कार्यक्रम का सफल संचालन महाविद्यालय की टीम द्वारा किया गया।








