नूतन दृष्टि से जगत व जगत के संबंधों को स्वीकारना होगा -स्वामी विमर्शानंदगिरि
नूतन दृष्टि से जगत व जगत के संबंधों को स्वीकारना होगा -स्वामी विमर्शानंदगिरि
नूतन दृष्टि से जगत व जगत के संबंधों को स्वीकारना होगा -स्वामी विमर्शानंदगिरि