कोटा में ट्रैफिक कांस्टेबल निलंबित: प्रधानमंत्री के पायलट होने का दावा और अभद्र व्यवहार



कोटा , 18 अगस्त। कोटा शहर में एक ट्रैफिक कांस्टेबल को ड्यूटी के दौरान एक पिकअप चालक से दुर्व्यवहार करने और कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पायलट होने का दावा करने के बाद निलंबित कर दिया गया है। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो के सामने आने के बाद हुई, जिसमें कांस्टेबल, जिसकी पहचान कैलाश चौधरी के रूप में हुई है, पिकअप चालक के साथ बहस करते और उसका कॉलर पकड़कर गाली-गलौज करते हुए दिख रहा है। वीडियो में कांस्टेबल को यह कहते हुए भी सुना जा सकता है कि उसका बेटा प्रधानमंत्री का पायलट है, जिससे आम जनता में आक्रोश फैल गया और पुलिस के आचरण पर सवाल उठने लगे।




तत्काल कार्रवाई और जांच के आदेश
सिटी एसपी तेजस्वनी गौतम ने वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए तत्काल कार्रवाई की। उन्होंने बताया कि कांस्टेबल कैलाश चौधरी ने न केवल अपनी वर्दी ठीक से नहीं पहनी थी, बल्कि आम जनता के साथ अभद्र व्यवहार भी किया। इसके परिणामस्वरूप, उन्हें निलंबित कर दिया गया है। मामले की आगे की जांच ट्रैफिक पुलिस डिप्टी अशोक मीणा को सौंपी गई है। जांच में यह भी पता लगाया जाएगा कि वीडियो कब और किन परिस्थितियों में शूट किया गया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, कैलाश चौधरी का विवादित व्यवहार कोई नया नहीं है और वह पहले भी ऐसी हरकतें कर चुका है। हालांकि, पिकअप चालक की ओर से अभी तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।


बहस और बदसलूकी का घटनाक्रम
ड्राइवर ने कॉन्स्टेबल पर शराब पीने का आरोप लगाया और ऑनलाइन चालान करने की मांग की, जबकि कॉन्स्टेबल ने पलटवार करते हुए ओवरलोडिंग और तीन सवारी का हवाला दिया। वायरल वीडियो के अनुसार, बहस तब शुरू हुई जब ड्राइवर ने कॉन्स्टेबल से ऑनलाइन चालान करने को कहा और आरोप लगाया कि उसने शराब पी रखी है। कॉन्स्टेबल ने ड्राइवर को किसी और से बात करने की सलाह दी। जब ड्राइवर ने थाने जाने की पेशकश की, तो कॉन्स्टेबल ने उसे ट्रैफिक ऑफिस जाने के लिए कहा और धमकी दी कि उसे “एक बार नहीं, बीस बार” ट्रैफिक ऑफिस जाना पड़ेगा।
पिकअप में मौजूद एक अन्य युवक ने भी कॉन्स्टेबल पर शराब पीने का आरोप लगाते हुए उसके साथ बैठने से इनकार कर दिया। कॉन्स्टेबल ने गुस्से में कहा, “मैंने तो कुछ भी कर रखा है, तू शांति से बात कर ले। नहीं तो तेरे नुकसान हो जाएगा।” इस पर ड्राइवर ने बेफिक्री से जवाब दिया कि यह कंपनी की गाड़ी है और कंपनी ही नुकसान की जिम्मेदारी लेगी। मामला तब और बढ़ गया जब कॉन्स्टेबल ने अपना हेलमेट पिकअप के स्टीयरिंग पर रख दिया, जिसे ड्राइवर ने उठाकर वापस कॉन्स्टेबल को दे दिया। इसी बात पर कॉन्स्टेबल का गुस्सा फूट पड़ा, उसने पिकअप ड्राइवर की कॉलर पकड़ी और गाली-गलौज की। ट्रैफिक डीएसपी अशोक कुमार ने पुष्टि की है कि कॉन्स्टेबल ने बदतमीजी की थी और उसे कल निलंबित कर दिया गया है। हालांकि, यह भी बताया गया कि कॉन्स्टेबल का मेडिकल टेस्ट नहीं हुआ है, जिससे उसके शराब पीने के आरोप की पुष्टि नहीं हो पाई है।
इस घटना से पुलिसकर्मियों के व्यवहार और सार्वजनिक सेवा के दौरान उनके आचरण पर एक बार फिर बहस छिड़ गई है।