अश्व अनुसन्धान केंद्र पर रोग निदान, निगरानी एवं प्रबंध पर प्रशिक्षण प्रारंभ

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quicjZaps 15 sept 2025

बीकानेर , 24 फ़रवरी। राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, बीकानेर पर आज अश्व रोग निदान, निगरानी एवं प्रबंध पर छः दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केंद्र के प्रभागाध्यक्ष डॉ एस सी मेहता ने कहा की यह कार्यक्रम उत्तराखंड के पशुचिकित्सकों के लिए विशेष रूप से आयोजित किया गया है । उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा की पशु चिकित्सा का कार्य बहुत ही कठिन कार्य है जहाँ मानव को छोड़ कर हर कोई पशु उस चिकित्सक के सामने आ जाता है एवं उससे उसके उपचार, रोग निदान एवं प्रबंध की सटीक जानकारी अपेक्षित की जाती है । कभी शेर, तो कभी मोर, कभी कबूतर, तो कभी तोता, कभी हिरण, कभी बत्तख आदि एवं पालतू पशु जैसे गाय, भैंस, भेड़, बकरी, घोड़ा, गधा एवं ऊंट तो है ही ।

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उन्होंने कहा एक पशु चिकित्सक सभी प्राणियों में दक्ष नहीं हो सकता है इसलिए यह महसूस किया गया की अश्व चिकित्सा एवं प्रबंध में पशु चिकित्सकों को प्रशिक्षित करें ताकि वह अच्छी तरह से अपने कार्यक्षेत्र में उनका उपचार एवं प्रबंधन का कार्य कर सकें । उन्होंने केंद्र की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला । इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ जगदीश राणे, निदेशक, केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान ने कहा की जैव विविधता का अभिन्न अंग है यह पशु । कैसे यह बिना कार्बन उत्सर्जित किए आपको ऐसे दुर्गम क्षेत्रों में सेवा देता है, हमें इसको समझने की जरूरत है । उन्होंने कहा की हम अपने पशुओं में कोई भी दवाई आदि काम में लें तो वह प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अन्य पशुओं या पक्षियों के लिए घातक न हो, यह सुनिश्चित करना चाहिए ।

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कार्यक्रम के आयोजन सचिव एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ राजेन्द्र गोयल ने कहा की अश्वों की उपयोगिता आज भी उत्तराखंड में बहुत अधिक है इसलिए हमने इस राज्य का इस परियोजना के तहत चयन किया । उन्होंने यह भी बताया की इस तरह के इस वर्ष कुल चार प्रशिक्षण कार्यक्रम एस सी एस पी योजना के अंतर्गत आयोजित किए जाने थे उनमें से आज दूसरा एवं तीसरा कार्यक्रम एक साथ बीकानेर एवं हिसार में प्रारंभ किया जा रहा है । बीकानेर में उक्त कार्यक्रम का संचालन डॉ टी राव ताल्लुरी ने किया एवं उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान सिखाए जाने वाले विभिन्न विषयों की संक्षिप्त जानकारी समारोह में दी । कार्यक्रम में डॉ रमेश देदर, डॉ जितेन्द्र सिंह एवं केंद्र के अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे ।

 

भीखाराम चान्दमल 15 अक्टूबर 2025
mmtc 2 oct 2025

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