बीकानेर में मौसम का अजीब मिजाज: दिसंबर में दोपहर की ‘गर्मी’ ने छुड़ाए पसीने; गांवों में रात की सर्दी का सितम


बीकानेर, 20 दिसंबर। थार के रेगिस्तान का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले बीकानेर में दिसंबर का महीना इस बार अपनी पुरानी पहचान खोता नजर आ रहा है। आमतौर पर कड़ाके की ठंड और शीतलहर के लिए पहचाने जाने वाले इस समय में बीकानेरवासी दोपहर की तेज धूप और गर्मी का सामना कर रहे हैं। हालात यह हैं कि अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा है, जिससे लोग दिन के समय सर्दी के बजाय गर्मी से बेहाल हैं।


दोपहर में गर्म कपड़े उतारने की मजबूरी
शुक्रवार की रात को हवाओं में कुछ ठंडक जरूर महसूस की गई, लेकिन पारा अभी भी उम्मीद के मुताबिक नहीं गिरा है। गुरुवार को न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से काफी अधिक है। दिन में धूप का तेवर इतना कड़ा है कि लोगों को स्वेटर और जैकेट उतारने पड़ रहे हैं। शहर में स्थिति यह है कि दोपहर के समय लोग हल्के सूती कपड़ों में नजर आ रहे हैं और कई वाहन चालक तो दिसंबर के महीने में भी कार में एसी (AC) चलाने को मजबूर हैं, जो इस मौसम के लिहाज से बेहद असामान्य है।


शहर और गांवों के तापमान में बड़ा ‘फासला’
इस बदलते मौसम के बीच शहर और ग्रामीण अंचलों के तापमान में भी गहरा विरोधाभास देखने को मिल रहा है। जहां बीकानेर शहर में न्यूनतम तापमान दो अंकों (Double Digit) में बना हुआ है, वहीं लूणकरनसर, श्रीडूंगरगढ़, नोखा और कोलायत जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में रात के समय सर्दी अपना असली रंग दिखा रही है। ग्रामीण इलाकों में पारा 5 से 6 डिग्री सेल्सियस तक गिर रहा है, जिससे वहां ठिठुरन महसूस की जा रही है। शहर की तुलना में लूणकरनसर जैसे केंद्रों पर तापमान 3 से 4 डिग्री कम दर्ज किया जा रहा है।
आखिर क्यों गायब है सर्दी?
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस असामान्य गर्मी के पीछे मुख्य कारण पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) का कमजोर होना है। उत्तर दिशा से आने वाली बर्फीली हवाओं की रफ्तार कम होने और आसमान पूरी तरह साफ रहने की वजह से सूरज की किरणें सीधे धरातल को गर्म कर रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक उत्तर से ठंडी हवाओं का दबाव नहीं बढ़ता, तब तक तापमान में बड़ी गिरावट की संभावना कम है। फिलहाल, बीकानेरवासी कड़ाके की सर्दी के इंतजार में हैं, जबकि दिसंबर की धूप उन्हें मार्च-अप्रैल जैसी गर्मी का अहसास करा रही है।








