साहित्यकार राजेन्द्र जोशी की माता श्रीमती भंवरी देवी का निधन


बीकानेर , 24 दिसम्बर। हिंदी और राजस्थानी भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार राजेन्द्र जोशी के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनकी माता श्रीमती भंवरी देवी जोशी (80 वर्ष) का बुधवार प्रातः निधन हो गया। उनके निधन की सूचना मिलते ही शहर के साहित्यिक और सामाजिक हलकों में शोक की लहर दौड़ गई। श्रीमती जोशी पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थीं; रविवार को हृदयघात (हार्ट अटैक) के बाद उन्हें हल्दीराम मूलचंद कार्डियो वस्कुलर सेंटर में भर्ती कराया गया था, जहाँ वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पीटू नाहटा की देखरेख में उनका उपचार चल रहा था।


श्रीमती भंवरी देवी का अंतिम संस्कार बुधवार को ही चौखूंटी स्थित श्मशान घाट में किया गया। उनके ज्येष्ठ पुत्र राजेन्द्र जोशी ने उन्हें मुखाग्नि दी। अंतिम यात्रा में शहर के प्रबुद्ध नागरिक, साहित्यकार, शिक्षाविद और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में शामिल हुए और शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया।


पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, श्रीमती भंवरी देवी एक विदुषी और जागरूक महिला थीं। वे समाचार पत्रों की नियमित पाठक होने के साथ-साथ खबरों का सूक्ष्म विश्लेषण भी करती थीं। उन्होंने अपने पीछे तीन पुत्रों का भरा-पूरा परिवार छोड़ा है। उनके दूसरे पुत्र सुभाष जोशी शिक्षाविद एवं सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपनी पहचान रखते हैं, जबकि सबसे छोटे पुत्र गिरिराज जोशी तैराकी कोच हैं। उनके पौत्र अनिल जोशी तीरंदाजी के अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षक के रूप में देश का मान बढ़ा रहे हैं। साहित्य और खेल जगत की अनेक हस्तियों ने श्रीमती जोशी के निधन को एक अपूरणीय क्षति बताते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। थार एक्सप्रेस परिवार की श्रद्धांजलि व्यक्त करता है।








