लाखों जिदंगी से जुड़ी राजस्थान की RGHS योजना बर सबसे बड़ा अपडेट


राजस्थान की RGHS योजना पर संकट: निजी अस्पताल 15 जुलाई से कैशलेस इलाज बंद करेंगे, ₹1000 करोड़ का भुगतान अटका




राजस्थान सरकर की लोकप्रिय स्कीम RGHS योजना पर संकट आ गया है। क्योंकि प्रदेश के सभी प्राइवेट अस्पतालों ने 15 जुलाई से कैशलेस इलाज बंद करने की चेतावनी दे दी है। अब देखना होगा भजनलाल सरकार क्या करती है।


जयपुर, 15 जुलाई 2025। राजस्थान सरकार की महत्वाकांक्षी राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) के तहत लाखों लाभार्थियों के लिए बड़ा संकट खड़ा हो गया है। प्रदेश के निजी अस्पतालों ने सरकार से लंबित करीब ₹1000 करोड़ के भुगतान को लेकर आज, 15 जुलाई से कैशलेस इलाज बंद करने की चेतावनी दी है। यह मामला राज्य के लाखों सरकारी कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके परिवारों के स्वास्थ्य से जुड़ा है। निजी अस्पताल क्यों बंद कर रहे कैशलेस इलाज?
निजी अस्पतालों का कहना है कि वे लंबे समय से RGHS योजना के तहत मरीजों का कैशलेस इलाज कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें समय पर भुगतान नहीं मिल रहा है। इस वजह से अस्पतालों पर लगातार वित्तीय बोझ बढ़ता जा रहा है। अस्पताल प्रबंधन का आरोप है कि राज्य सरकार के मंत्री और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लगातार संवाद और समाधान की बात तो कर रहे हैं, लेकिन सरकारी स्तर पर अब तक कोई ठोस बातचीत नहीं हुई है। इसी के चलते उन्होंने इलाज रोकने की अंतिम तारीख तय कर दी है।
क्या है RGHS योजना?
RGHS (Rajasthan Government Health Scheme) राजस्थान सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है। यह CGHS मॉडल पर आधारित है, जिसके तहत राज्य के सरकारी कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके परिजनों को सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाती है। इस योजना में इलाज से लेकर जांच तक की सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध हैं। राज्यभर के कई निजी अस्पताल इस योजना में सूचीबद्ध हैं, लेकिन समय पर भुगतान न मिलने से उनकी नाराजगी बढ़ती जा रही है।
सरकार की तैयारी और आगे की राह
सरकार की ओर से अब RGHS के तहत इलाज की प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) बनाने की तैयारी की जा रही है। इसमें निजी अस्पतालों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही, हितधारकों के साथ नियमित संवाद बनाए रखने की योजना है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की स्थितियां न बनें। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, सरकार निजी अस्पतालों से बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन बातचीत की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो पाई है। यदि कैशलेस सुविधा बंद होती है, तो हजारों मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
RGHS से जुड़े लाभार्थियों को सलाह दी जा रही है कि वे इलाज के लिए जाने से पहले संबंधित अस्पताल से कैशलेस सुविधा की स्थिति की पुष्टि अवश्य कर लें।