अश्व अनुसंधान केंद्र में वन महोत्सव’ का आयोजन, 151 पौधे लगाए गए

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बीकानेर, 18 जुलाई। राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, बीकानेर में आज वन महोत्सव का आयोजन किया गया। प्रभागाध्यक्ष डॉ. एस. सी. मेहता के नेतृत्व में केंद्र के हर्बल गार्डन परिसर में 151 पौधे लगाए गए।
‘माँ के नाम लगाएं एक पर्यावरण प्रहरी’
इस अवसर पर डॉ. मेहता ने बीकानेर और पूरे रेगिस्तान में पेड़ों द्वारा लाए गए पर्यावरणीय बदलावों पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने पेड़ों को पर्यावरण का सतत प्रहरी बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के “एक पेड़ माँ के नाम” आवाहन को “माँ के नाम लगाएं एक पर्यावरण प्रहरी” कहना भी अतिशयोक्ति नहीं होगी।

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पेड़ हैं भगवान का रूप: डॉ. अनिल पुनिया
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. अनिल पुनिया, निदेशक, राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र, बीकानेर ने पेड़ों को भगवान का ही एक रूप बताया। उन्होंने कहा कि पेड़ बिना कुछ मांगे एक ही जगह पर खड़े रहकर पूरे जगत की सेवा करते हैं, चाहे वह छाया हो, हवा हो, ऑक्सीजन हो, फूल हो, फल हो, ठंडक हो या भूमि की उर्वरता। उन्होंने पेड़ों की तुलना भगवान से करते हुए कहा कि जैसे भगवान पृथ्वी पर सभी प्राणियों का ध्यान रखते हैं, वैसे ही पेड़ भी सभी के लिए कुछ न कुछ देते हैं। इस दौरान डॉ. पुनिया ने केंद्र के अश्व संग्रहालय का अवलोकन भी किया और सभी को शुभकामनाएं दीं। राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी दिनेश मुंजाल ने भी कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया।

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अतिथियों का स्वागत डॉ. रमेश देदर, डॉ. राव, डॉ. कुट्टी और डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया। कार्यक्रम का आयोजन नरेंद्र चौहान, ओम प्रकाश और गोपाल ने किया। इस सफल आयोजन में केंद्र के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने सक्रिय सहभागिता निभाई।

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