बीकानेर के सरकारी समाचार: चुनाव प्रशिक्षण, संपर्क पोर्टल की सफलता और खरीफ सीजन की तैयारी

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बीकानेर, 29 जुलाई। बीकानेर में आज कई महत्वपूर्ण सरकारी गतिविधियों और घोषणाओं का दिन रहा। विधानसभा क्षेत्रों के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, संपर्क पोर्टल पर लंबित परिवेदनाओं के निस्तारण में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया, और खरीफ सीजन में उर्वरक उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए। इसके अलावा, डॉ. भीमराव अंबेडकर की जीवनी से जुड़े पंचतीर्थों की निःशुल्क भ्रमण योजना की भी जानकारी दी गई।                                            विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम: द्वितीय बैच सुपरवाइजर्स एवं बीएलओ का प्रशिक्षण

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बीकानेर पश्चिम, लूणकरणसर, बीकानेर पूर्व और खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र के द्वितीय बैच के सुपरवाइजर्स और बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) के लिए मंगलवार को डूंगर कॉलेज स्थित प्रताप सभागार में विशेष गहन पुनरीक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन पंजीयन अधिकारी और अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (नगर) रमेश देव ने प्रशिक्षण का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रतिभागियों से कार्यक्रम की गंभीरता को समझते हुए निर्वाचन संबंधित कार्य को पूरी जिम्मेदारी से करने का आह्वान किया।

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राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर जैसे डॉ. एस.एल राठी, डॉ. वाई बी माथुर, डॉ. विपिन सैनी, डॉ. शमिंद्र सक्सेना, डॉ. राजाराम, डॉ. सुरेश कुमार वर्मा, रविन्द्र कुमार, डॉ अरुण पुरोहित, डॉ. चक्रवर्ती श्रीमाली, डॉ. विशाल गौड़, मुकेश अमेरिया, जितेंद्र वर्मा, शिव कुमार टाक और राजीव गौतम ने प्रशिक्षण का संचालन किया। प्रशिक्षण में बीएलओ और पर्यवेक्षकों को गणना पत्र भरने का तरीका, संलग्न किए जाने वाले दस्तावेज, मतदाताओं से प्राप्त गणना फॉर्म का सत्यापन, और बीएलओ ऐप के जरिए प्रपत्र अपलोड करने की जानकारी दी गई। साथ ही, मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजस्थान की वेबसाइट से 2002 की मतदाता सूची को अपलोड एवं डाउनलोड करने की प्रक्रिया भी साझा की गई।

संपर्क पोर्टल पर परिवेदनाओं के निस्तारण में बड़ी सफलता
एडीएम सिटी श्री रमेश देव की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में संपर्क पोर्टल पर अपलोड प्रकरणों की जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक हुई। बैठक में बताया गया कि जुलाई माह में संपर्क पोर्टल पर परिवेदनाओं का निस्तारण समय 23 दिन से घटकर 14 दिन हो गया है। जून माह में यह समय 23 दिन और मई माह में 30 दिन था। लंबित परिवेदनाओं में कमी- दो से तीन महीने के बीच लंबित परिवेदनाओं की संख्या पिछले महीने की 104 से घटकर 46 रह गई है। इसी प्रकार, 91 दिन से 180 दिन (तीन से छह महीने) के बीच लंबित परिवेदनाओं की संख्या भी पिछले महीने की 57 से घटकर 26 रह गई है। इन 26 परिवेदनाओं में सर्वाधिक 06 परिवेदनाएं नगर पालिका नोखा की हैं। छह महीने से ऊपर की सभी 04 परिवेदनाओं का निस्तारण कर दिया गया है।

संतुष्टि के स्तर में वृद्धि
परिवेदनाओं के निस्तारण को लेकर संतुष्टि का स्तर भी पिछले माह के 58.74 फीसदी से बढ़कर 59.90 फीसदी हुआ है। साथ ही, रिजेक्ट हुई परिवेदनाओं को लेकर संतुष्टि का स्तर भी 40.97 फीसदी से बढ़कर 42.16 फीसदी हो गया है।

सर्वाधिक लंबित परिवेदनाएं
एडीएम सिटी ने बताया कि जिले में सर्वाधिक लंबित परिवेदनाएं पीएचईडी (302), राजस्व (299), विद्युत विभाग (171) और पंचायती राज (132) विभागों की हैं। डीएसओ श्री नरेश शर्मा ने बताया कि उनके विभाग का परिवेदना निस्तारण समय 09 दिन और संतुष्टि का स्तर 96 फीसदी है।

एडीएम सिटी ने सभी विभागाध्यक्षों को संपर्क पोर्टल पर आई परिवेदनाओं का संवेदनशीलता के साथ जल्द से जल्द निस्तारण करने और सीएमओ, सीएमआर, राज्यपाल, लोकायुक्त इत्यादि जगहों से आई परिवेदनाओं का एक-दो दिन में निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने विभागाध्यक्षों को नियमित रूप से पोर्टल की मॉनिटरिंग करने और परिवादी से फोन पर बात करने की सलाह दी ताकि संतुष्टि का स्तर बढ़ाया जा सके।

बैठक में एडीएम सिटी के अलावा एसडीएम बीकानेर और उपनिदेशक लोक सेवाएं आईएएस अधिकारी सुश्री महिमा कसाना, बीडीए उपायुक्त श्री कुणाल राहड़ समेत सभी विभागों के संबंधित विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।

खरीफ सीजन में उर्वरक उपलब्धता और गैर-कृषि उपयोग पर नियंत्रण
खरीफ सीजन के मद्देनजर उर्वरक की सुचारू आपूर्ति व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जिले के समस्त थोक उर्वरक विक्रेताओं और कंपनी प्रतिनिधियों की बैठक सोमवार को कृषि भवन के आत्मा सभागार में आयोजित की गई। संयुक्त निदेशक (कृषि) कैलाश चौधरी ने निर्देशित किया कि जिले में कृषि आदान विक्रेताओं को यूरिया खरीदने वाले कृषकों के रिकॉर्ड का संधारण करना होगा। इसके लिए अलग से रजिस्टर लगाना होगा, जिसमें किसान का नाम, पिता का नाम, चक, गाँव, बैग की संख्या, खाद कंपनी का नाम, आधार नंबर और मोबाइल नंबर दर्ज कर हस्ताक्षर करवाए जाएंगे। यह कदम यूरिया खाद का उपयोग गैर-कृषि कार्यों में (जैसे पशु आहार, प्लाईवुड, प्लास्टिक, रेजिन बनाने वाली फैक्ट्रियों में) होने की आशंका के चलते उठाया गया है। ऐसा पाए जाने पर वैधानिक नियमानुसार सख्त कार्यवाही की जाएगी।

सहायक निदेशक उद्यान मुकेश गहलोत ने बताया कि सचिव कृषि उद्यानिकी की ओर से यूरिया की वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के निर्देश दिए गए हैं। 50 बैग यूरिया उर्वरक खरीदने वाले किसानों की सूची बनेगी, जिसकी जांच कर रिपोर्ट तैयार कर आईएफएमएस पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। कृषि विभाग की ओर से यूरिया का गैर-कृषि उपयोग, कालाबाजारी और औद्योगिक इकाइयों में उपयोग पर रोक लगाने के लिए टीम बनाकर कार्यवाही की जा रही है।

सहायक निदेशक कृषि सुरेंद्र मारू ने बताया कि कृषि ग्रेड यूरिया पर सरकारी सब्सिडी है, इसलिए यह तकनीकी ग्रेड से लगभग ₹40 प्रति किलो सस्ती है। उन्होंने बताया कि कई फैक्ट्री संचालक महंगी तकनीकी ग्रेड यूरिया के बजाय कृषि ग्रेड यूरिया का उपयोग करते हैं, जिससे कई क्षेत्रों में मांग से ज्यादा यूरिया की खपत होती है। कृषि आयुक्तालय की ओर से औद्योगिक इकाइयों के निरीक्षण के भी निर्देश दिए गए हैं। बैठक में कृषि अधिकारी रामनिवास गोदारा, सीसीबी सुभाष चौधरी, सहकारिता कैलाश सैनी के साथ-साथ कृषि आदान निर्माता कंपनी और उर्वरक विक्रेता उपस्थित रहे।

डॉ. भीमराव अंबेडकर की जीवनी से जुड़े पंचतीर्थों की निःशुल्क भ्रमण योजना
राज्य सरकार के निर्देशानुसार सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता विभाग द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर की जीवनी से जुड़े पंचतीर्थों की भ्रमण योजना के तहत अनुसूचित जाति समुदाय को निःशुल्क तीर्थ यात्रा करवाई जाएगी। सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता विभाग के संयुक्त निदेशक एलडी पवार ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य राजस्थान के अनुसूचित जाति वर्ग के मूल निवासी व्यक्तियों को उनके जीवनकाल में एक बार देश में स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थानों की यात्रा सुलभ कराना है। यात्रा का समस्त व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

यात्रा पर जाने के लिए पात्रता

  • राजस्थान का मूल निवासी हो तथा आयकरदाता नहीं होना चाहिए।
  • शारीरिक और मानसिक रूप से सक्षम हो और किसी संक्रामक रोग (जैसे कोविड-19, स्वाइन फ्लू, टी.वी., कार्डियक, श्वास संबंधी बीमारी, मानसिक व्याधि, संक्रामक कुष्ठ आदि) से ग्रसित न हो, इस आशय का स्वघोषित प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा।

तीर्थ स्थानों की सूची

  • जन्म भूमि (जन्मस्थान): महू
  • दीक्षा भूमि (बोध धर्म अपनाने का स्थान): नागपुर
  • महापरिनिर्वाण भूमि (निधन का स्थान): दिल्ली हलीपुर
  • चैत्य भूमि (श्मशान स्थल): मुंबई, इंदुमिल

आवेदन की प्रक्रिया
संयुक्त निदेशक पंवार ने बताया कि आवेदन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन स्वीकार किए जाएंगे। ऑफलाइन आवेदन जिला/ब्लॉक कार्यालय में किए जा सकेंगे। आवेदक के पास आधार और जनआधार कार्ड अवश्य होना चाहिए। यात्रियों का चयन जिला मुख्यालय पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय कमेटी द्वारा किया जाएगा। यात्रियों की संख्या का निर्धारण निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, जयपुर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा प्रतिवर्ष किया जाएगा।

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