एनआरसीसी, बीकानेर में ‘मानसून वृक्षारोपण अभियान’ आयोजित



बीकानेर, 1 अगस्त। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद–राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र (एनआरसीसी), बीकानेर में आज “मानसून वृक्षारोपण अभियान” का आयोजन किया गया। एनआरसीसी की चरागाह एवं पशु पोषण इकाई (जी.एफ. यूनिट) द्वारा अनुसंधान एवं प्रदर्शन खंड में आयोजित इस कार्यक्रम में फलदार पौधों की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से आंवले के पौधे रोपे गए।
आरटीओ पंड्या ने दिया पर्यावरण दायित्व का संदेश
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अनिल कुमार पंड्या, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी (आरटीओ), बीकानेर ने इस अवसर पर कहा कि वृक्षारोपण केवल पर्यावरण संरक्षण का माध्यम नहीं, बल्कि यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है। उन्होंने ज़ोर दिया कि ऐसे प्रयास वर्तमान के साथ-साथ भावी पीढ़ियों को भी सुरक्षित, स्वच्छ और संतुलित वातावरण देने में सार्थक योगदान करते हैं। श्री पंड्या ने एनआरसीसी में सुव्यवस्थित एवं घने वृक्षाच्छादन की सराहना करते हुए इसे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अनुकरणीय प्रयास बताया। इस दौरान उन्होंने ऊँट सवारी का आनंद लिया और ऊँटनी के दूध का भी रसास्वादन किया।




एनआरसीसी का पर्यावरणीय दृष्टिकोण और भविष्य की योजनाएँ
एनआरसीसी के निदेशक एवं कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार पूनिया ने कहा कि संस्थान पर्यावरणीय संवेदनशीलता को केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि अपनी दैनिक कार्य संस्कृति का हिस्सा मानता है। उन्होंने बताया कि हाल ही में संस्थान में जिस हरित पहल की नींव रखी गई थी, आज का आयोजन उसी सोच की निरंतरता है, जो भविष्य में और भी व्यापक रूप लेगी। डॉ. पूनिया ने कहा कि केंद्र का उद्देश्य है कि ऊँटों को खेजड़ी, नीम, जाल जैसी पारंपरिक प्रिय वनस्पतियों के साथ-साथ आगे चलकर फलदार पौधों से भी पोषण व औषधीय लाभ प्राप्त हों, जिससे उनका समग्र स्वास्थ्य और उत्पादकता बेहतर हो सके।


रोपण कार्य और सहभागिता
डॉ. प्रियंका गौतम, प्रभारी, जी.एफ. यूनिट एवं कार्यक्रम समन्वयक ने बताया कि एनआरसीसी द्वारा इस मानसून के दौरान ऊँटों के लिए आहार चारा उत्पादन हेतु खेजड़ी (20), मोरिंगा (10), अरडू (10); फलदार पौधों के उत्पादन हेतु आंवला (20), अनार (10), अमरूद (10); तथा स्थल सौंदर्यीकरण (लैंड स्केपिंग) हेतु करंज (50) एवं गुडहल (20) के पौधे लगाए गए हैं। वृक्षों के चयन से लेकर रोपण स्थल निर्धारण तक सभी व्यवस्थाएं सुव्यवस्थित रूप में निष्पादित की गईं।
इस अवसर पर केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राकेश रंजन, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी श्री अखिल ठुकराल सहित सभी वैज्ञानिकों/अधिकारियों/कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया तथा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सामूहिक संकल्प लिया। इकाई के डॉ. विनोद कुमार यादव ने कार्यक्रम की सफलता में सक्रिय सहभागिता हेतु एनआरसीसी के समस्त स्टाफ के प्रति आभार व्यक्त किया।