वोट चोरी’ के विरोध में मार्च: राहुल, प्रियंका हिरासत में, अखिलेश ने बैरिकेड लांघा; दिल्ली पुलिस ने रोका विपक्षी सांसदों का काफिला



नई दिल्ली, 11 अगस्त। बिहार में हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और 2024 के चुनावों में कथित मतदाता धोखाधड़ी के विरोध में INDIA गुट के नेताओं ने आज संसद भवन से चुनाव आयोग तक मार्च निकाला। इस मार्च में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार सहित कई विपक्षी दलों के सांसद शामिल थे। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस मार्च को परिवहन भवन पर बैरिकेड्स लगाकर रोक दिया, जिसके बाद कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया।
हिरासत में प्रमुख नेता और राहुल गांधी का बयान
दिल्ली पुलिस ने मार्च के लिए कोई औपचारिक अनुमति न होने का हवाला देते हुए राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, संजय राउत और सागरिका घोष सहित INDIA ब्लॉक के कई सांसदों को हिरासत में ले लिया।
हिरासत में लिए जाने के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, “हकीकत ये है कि वो बात नहीं कर सकते। सच्चाई देश के सामने है। ये लड़ाई राजनीतिक नहीं है। ये लड़ाई संविधान बचाने की है। ये लड़ाई एक व्यक्ति, एक वोट की है। हम एक साफ-सुथरी वोटर लिस्ट चाहते हैं।”
INDIA ब्लॉक ने दिखाई एकजुटता




राहुल गांधी की अगुवाई में लोकसभा और राज्यसभा के विपक्षी सांसदों ने संसद से चुनाव आयोग दफ्तर तक पैदल मार्च किया। बिहार में कथित मतदाता धोखाधड़ी और अन्य चुनावी मुद्दों के विरोध में लोकसभा और राज्यसभा के 300 से अधिक विपक्षी सांसदों ने आज संसद से चुनाव आयोग तक मार्च निकाला। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सात जगहों पर बैरिकेडिंग कर इस मार्च को रोक दिया और सभी सांसदों को हिरासत में ले लिया गया।
विपक्षी सांसद चुनाव आयोग कार्यालय तक पहुंचने के लिए लगभग एक किलोमीटर पैदल चलकर विरोध मार्च निकालना चाहते थे। रास्ते भर वे ‘चोर-चोर’ के नारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे। कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ने कहा कि पुलिस यहां सांसदों को गिरफ्तार कर रही है और उन्हें चुनाव आयोग से मिलने नहीं दे रही है। इस मुद्दे पर ममता बनर्जी की पार्टी भी कांग्रेस के साथ खड़ी नजर आ रही है।
दिल्ली पुलिस ने इस मार्च के लिए औपचारिक अनुमति न होने का हवाला देते हुए प्रमुख विपक्षी नेताओं को हिरासत में लिया है, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया है।


#WATCH | Delhi: Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi says, “The reality is that they cannot talk. The truth is in front of the country. This fight is not political. This fight is to save the Constitution. This fight is for One Man, One Vote. We want a clean, pure voters… pic.twitter.com/Aj9TvCQs1L
— ANI (@ANI) August 11, 2025
प्रदर्शन और संसद की कार्यवाही स्थगित
प्रदर्शनकारी विपक्षी सांसदों को चुनाव आयोग के मुख्यालय की ओर बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने परिवहन भवन पर बैरिकेड लगाकर उन्हें रोक दिया। इस बीच, बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और दूसरे मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सड़क पर प्रदर्शन और अखिलेश यादव का बैरिकेड लांघना
पुलिस बैरिकेड्स से रोके जाने के बाद विपक्षी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा, डिंपल यादव, केसी वेणुगोपाल और महुआ माजी सड़क पर बैठकर नारेबाजी करने लगे। इस दौरान समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पुलिस बैरिकेड लांघकर कूद गए, जो इस प्रदर्शन का एक नाटकीय क्षण बन गया।
#WATCH | Delhi: Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav jumps over a police barricade as Delhi Police stops INDIA bloc leaders marching from the Parliament to the Election Commission of India to protest against the Special Intensive Revision (SIR) of electoral rolls in poll-bound… pic.twitter.com/X8YV4mQ28P
— ANI (@ANI) August 11, 2025
इससे पहले, वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रविवार, 10 अगस्त को भारतीय चुनाव आयोग (ECI) को एक पत्र लिखकर जोर दिया था कि विपक्षी सांसदों का इरादा सामूहिक रूप से ज्ञापन सौंपने का है, न कि केवल एक छोटा प्रतिनिधिमंडल भेजने का। पत्र में मुख्य चुनाव आयुक्त को सूचित किया गया था कि सभी विपक्षी सांसद 11 अगस्त को सुबह 11.30 बजे के बाद संसद भवन से निर्वाचन सदन तक शांतिपूर्ण मार्च निकालेंगे।
चुनाव आयोग और दिल्ली पुलिस का रुख
दिल्ली पुलिस ने बताया कि इस मार्च के लिए कोई औपचारिक अनुमति नहीं ली गई थी, इसलिए नेताओं को आगे बढ़ने से रोका गया। वहीं, चुनाव आयोग ने जगह की कमी का हवाला देते हुए विपक्ष के केवल 30 प्रतिनिधियों को मिलने की अनुमति दी। आयोग ने इन नेताओं के नाम और उनके वाहनों का विवरण भी मांगा है। कांग्रेस पार्टी के अनुरोध पर यह मुलाकात सोमवार दोपहर 12 बजे तय की गई थी।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने इस मौके पर चुनाव आयोग की आलोचना की और INDIA गठबंधन के मार्च की तुलना महात्मा गांधी के ऐतिहासिक दांडी मार्च से की। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने चुनाव आयोग की साख पर सवाल उठाते हुए कहा, “जब तक लोगों के मन में चुनाव की निष्पक्षता को लेकर संदेह बना रहेगा, तब तक चुनाव आयोग की विश्वसनीयता प्रभावित होगी। चुनाव आयोग के हित में है कि वह इन सवालों का समाधान करे, तभी उसकी साख बहाल हो सकेगी।”
यह घटनाक्रम बिहार में मतदाता सूची की विश्वसनीयता और आगामी चुनावों में पारदर्शिता को लेकर विपक्ष की बढ़ती चिंताओं को दर्शाता है।