भगवान श्रीकृष्ण 24वें आरे में होंगे तीर्थंकर- मेहुल प्रभ सागर



बीकानेर में तपस्वियों की शोभायात्रा, अभिनंदन और बच्चों का शिविर रविवार को




बीकानेर, 16 अगस्त। बीकानेर में आज तपस्वियों की शोभायात्रा, उनका अभिनंदन समारोह और बच्चों का विशेष शिविर आयोजित किया जा रहा है। यह आयोजन गणिवर्य श्री मेहुल प्रभ सागर जी , मंथन प्रभ सागर, बाल मुनि मीत प्रभ सागर, साध्वी दीपमाला श्रीजी और शंखनिधि के सान्निध्य में हो रहा है।
तपस्वियों की शोभायात्रा और अभिनंदन
सुबह सवा आठ बजे डागा, सेठिया, पारख मोहल्ले से दत सूरी तप और सिद्धि तप के तपस्वियों की शोभायात्रा क्षमा कल्याण वाटिका, ढढ्ढा कोटड़ी पहुँची। यहाँ 51 दिन के तपस्वी कन्हैयालाल भुगड़ी सहित लगभग 65 तपस्वियों का अभिनंदन किया जाएगा। इन तपस्वियों ने चोविहार (बिना अन्न-जल) का कठोर तप किया है।


सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट और अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद की बीकानेर इकाई ने सकल श्रीसंघ के सहयोग से आयोजित चातुर्मास स्थल पर खरतरगच्छ युवा परिषद सेतरावा इकाई के पदाधिकारी पारस लोढ़ा, संतोष लोढ़ा, राजेंद्र लोढ़ा आदि का अभिनंदन पारस बोथरा, महेंद्र नाहटा, कमल सेठिया और अनिल खजांची ने किया।
बच्चों का शिविर और धार्मिक प्रतियोगिताएँ
अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद के अध्यक्ष अनिल सुराणा ने बताया कि शनिवार को महिलाओं का शिविर आयोजित किया गया था। रविवार को दोपहर दो बजे से चार बजे तक बालक-बालिकाओं का शिविर होगा, जहाँ उन्हें परमात्मा की अष्ट प्रकार की पूजा करना सिखाया जाएगा। बच्चों से पूजा के वस्त्र पहन कर आने का आग्रह किया गया है।सोमवार को प्रवचन स्थल पर जैन धर्म के प्रमुख आगम कल्पसूत्र पर क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी।
गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर जी के प्रवचन: भगवान श्रीकृष्ण और जैन धर्म
गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर जी ने शनिवार को अपने प्रवचन में कहा कि भगवान श्रीकृष्ण सनातन, जैन धर्म और भारतीय धर्म व संस्कृति में पूजनीय व वंदनीय देव हैं। उन्होंने कहा कि गीता में दिए गए उनके संदेश मानव मात्र के लिए सर्व कल्याणकारी, सर्वहितकारी हैं और परमात्मा का आलम्बन लेकर हर परिस्थिति से रास्ता दिखाने वाले हैं।
एक महत्वपूर्ण बात बताते हुए उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण 24वें आरे में तीर्थंकर के रूप में प्रतिष्ठित होंगे। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के आदर्शों और कृष्ण-सुदामा सहित अनेक लीलाओं का स्मरण दिलाते हुए गौ माता की रक्षा करने और प्लास्टिक थैलियों का उपयोग न करने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि रोटी, सब्जी आदि खाद्य सामग्री को कचरे के ढेर में न फेंककर गायों को खिलाना चाहिए।
उन्होंने तीन बच्चों के पौषध और तपस्वियों की अनुमोदना करते हुए कहा कि अभक्ष्य, असमय व अधिक खाने से स्वास्थ्य समस्याएँ होती हैं, उपवास व तपस्याओं से नहीं।