गंगाशहर में मुमुक्षु हनुमानमल दूगड़ का अभिनन्दन समारोह आयोजित: तप और वैराग्य की अनुमोदना

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quicjZaps 15 sept 2025

गंगाशहर, बीकानेर, 15 अगस्त। तेरापंथ भवन, गंगाशहर में आज उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनिश्री कमल कुमार जी के पावन सान्निध्य में मुमुक्षु हनुमानमल दूगड़ का अभिनन्दन समारोह आयोजित किया गया। यह समारोह हनुमानमल दूगड़ की दीक्षा की स्वीकृति मिलने के उपलक्ष्य में था।
मुनि श्री कमल कुमार जी का उद्बोधन
इस अवसर पर मुनिश्री कमल कुमार जी ने मुमुक्षु हनुमानमल दूगड़ की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे एक साधक व्यक्ति हैं, जो अनेक वर्षों से वर्षीतप की साधना कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हनुमानमल दूगड़ उपासक के रूप में धर्मसंघ की महत्वपूर्ण सेवा कर रहे हैं और उनकी वर्षों से वैराग्य भावना थी, जिसे परमपूज्य गुरुदेव ने अब दीक्षा की स्वीकृति प्रदान की है। मुनिश्री ने हनुमानमल दूगड़ को उनकी विनम्रता, सरलता, सेवाभाव के साथ गुरुदृष्टि को विशेष महत्व देने की प्रेरणा दी, ताकि वे जिस पथ पर अग्रसर हुए हैं उसमें सफलता प्राप्त कर सकें। मुनि श्री श्रेयांस कुमार जी ने एक गीत के माध्यम से अपनी भावाभिव्यक्ति दी।
दीक्षार्थी हनुमानमल दूगड़ के विचार

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दीक्षार्थी हनुमानमल दूगड़ ने अपने वक्तव्य में बताया कि गंगाशहर में आयोजित उपासक शिविर में ही उनकी दीक्षा की भावना प्रबल बनी थी। उन्होंने यहाँ सेवाकेंद्र में विराजित साध्वी श्री कांताश्रीजी की प्रबल प्रेरणा को भी अपनी सहयोगी बताया। इस अवसर पर उन्होंने सभी भाई-बहनों से बार-बार क्षमायाचना भी की।

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सम्मान और तपस्या की अनुमोदना

तेरापंथ सभा की तरफ से निवर्तमान अध्यक्ष अमरचंद सोनी, कमल चंद भंसाली, हनुमानमल सेठिया और संपत लाल बाफना ने जैन पताका व साहित्य से मुमुक्षु हनुमानमल दूगड़ का सम्मान किया। अमरचंद सोनी ने स्वागत व अभिनंदन वक्तव्य दिया।आज कई तपस्वियों की तपस्या का प्रत्याख्यान भी किया गया जिनमें तारा देवी बैद: 33 उपवास, नेमचन्द भूरा: 23 उपवास, रचना रांका: 21 उपवास, लक्ष्य नाहर: 9 उपवास, मुनि नमि कुमार जी: 25 उपवास के प्रत्याख्यान किये। स्वतंत्रता दिवस को प्रवचन के पश्चात ध्वजारोहण कार्यक्रम आयोजित किया गया. गंगाशहर तेरापंथ के मुख्य न्यासी टी एम लालाणी ने ध्वजारोहण किया। जिसमें सभी संस्थाओं के सदस्यों ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ व सामूहिक संघगान के गायन से हुआ। मुनिश्री कमल कुमार जी ने मंगलपाठ सुनाया।

mmtc 2 oct 2025

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