जैन धर्म ग्रंथ कल्प सूत्र पर क्विज प्रतियोगिता में ज्ञान, ध्यान, गीत व अभिनय का रोचक प्रदर्शन

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बीकानेर, 18 अगस्त। ढढ्ढा कोटड़ी में गणिवर्य श्री मेहुल प्रभ सागर , मंथन प्रभ सागर, बाल मुनि मीत प्रभ सागर, साध्वी दीपमाला श्रीजी व शंखनिधि के सान्निध्य में जैन धर्मग्रंथ कल्पसूत्र पर एक रोचक क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में दो श्रावकों (शांति लाल कोठारी, तरण डागा) और 58 श्राविकाओं ने ज्ञान, ध्यान, गीत और अभिनय का शानदार प्रदर्शन किया।
तपस्वियों का सम्मान और प्रतियोगिता का स्वरूप
यह आयोजन सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट और अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद की बीकानेर इकाई द्वारा सकल श्रीसंघ के सहयोग से आयोजित चातुर्मास के अंतर्गत किया गया था। इस अवसर पर चौविहार (बिना अन्न जल) की 53 दिन की तपस्या पूर्ण करने वाले कन्हैयालाल भुगड़ी और अक्षय निधि तप के तपस्वियों की अनुमोदना की गई।

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अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद के अध्यक्ष अनिल सुराणा और सचिव विक्रम भुगड़ी के नेतृत्व में यह प्रतियोगिता 8 चरणों में संपन्न हुई। इसका संयोजन साध्वी दीपशिखा व शंख निधि ने किया। साध्वीवृंद ने भद्र बाहू स्वामी द्वारा रचित और जैन धर्म के 45 आगमों में से दशा श्रुत स्कंध आगम के अंश ‘कल्पसूत्र’ के संबंध में 108 प्रश्नों की प्रश्नावली तैयार कर श्रावक-श्राविकाओं को उपलब्ध करवाई थी।

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क्विज में प्रतिभागियों को भजनों के मुखड़ों, एकाभिनय, मुकाभिनय, एक मिनट के प्रदर्शन और थाली बजाकर प्रश्नों के उत्तर देने का मौका दिया गया, जिससे प्रतियोगिता बेहद रोचक और ज्ञानवर्धक बन गई। साध्वी श्री दीप माला ने 11 गणधरों – इन्द्रभूति, अग्निभूति, वायुभूति, व्यक्त, सुधर्मा स्वामी, मंडित, मौर्य पुत्र, अकम्पित, अचल भ्राता, मेतार्य व प्रभास – के नाम से बनाई गई टीमों के अंकों का अंकन साइन बोर्ड पर किया, जबकि साध्वी श्री शंखनिधि प्रश्नों को प्रभावी तरीके से पूछ रही थीं।

विजेता टीमें

  • अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद की बीकानेर इकाई के उपाध्यक्ष कमल सेठिया और कोषाध्यक्ष अनिल पारख ने बताया कि क्विज प्रतियोगिता में:
  • प्रथम स्थान पर अग्निभूमि की टीम रही, जिसमें श्रीमती सुनीता खजांची, मोनिका नाहटा, प्रिया सांड, अनिता कोचर व सारिका गुलगुलिया शामिल थीं।
  • द्वितीय स्थान पर मैतार्य गणधर की टीम रही, जिसमें कोमल डागा, प्रेम सेठिया, प्रतिभा भुगड़ी, पूर्णिमा देवी बांठिया, तरुण डागा और रंजना नाहटा शामिल थीं।
  • तीसरा स्थान गणधर प्रभास की टीम ने प्राप्त किया, जिसमें वरिष्ठ श्रावक शांतिलाल कोठारी, प्रर्मिला बेगानी, राजश्री पुगलिया, सुमन सेठिया, संजू सिंघवी व आशा सुराणा शामिल थीं।

सभी विजेता टीमों को पुरस्कृत किया गया।

गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर जी म.सा. के प्रवचन
गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर जी म.सा. ने सोमवार को अपने नियमित प्रवचन में कहा कि संसार में अनादिकाल से आज तक पुनरावर्तन ही चल रहा है। चौरासी लाख योनि में भटकाव अभी तक परिवर्तन नहीं कर पाया है। उन्होंने कहा कि प्रवचन सुनना पुनरावर्तन है, लेकिन जिन शासन, देव, गुरु व धर्म की बातों को हृदय में उतारकर जीवन में उतारना ही वास्तविक परिवर्तन है। परिवर्तन के लिए मानव जीवन में जिन शासन की आज्ञाओं का पालन कर जन्म मरण के चक्कर से बचने का प्रयास करते हुए मोक्ष मार्ग का लक्ष्य रखना चाहिए।

मुमुक्षु तरुणा दुगड़ का अभिनंदन
बीकानेर, 18 अगस्त 2025: गंगाशहर निवासी और गुवाहाटी प्रवासी मुमुक्षु तरुणा दुगड़ का सोमवार को अभिनंदन किया गया। उन्होंने अखिल भारतीय साधुमार्गी जैन संघ के अहिंसा प्रचारक महेश नाहटा के नेतृत्व में बीकानेर में चातुर्मास कर रहे मुनि व साध्वीवृंद के दर्शन किए, मांगलिक सुनी और शुभकामनाएं प्राप्त कीं। मुमुक्षु का साधुमार्गी जैन संघ बीकानेर व आष्टा, मध्यप्रदेश संघ तथा धर्मनिष्ठ श्रावक पुखराज चांद देवी बैद परिवार की ओर से अभिनंदन किया गया।

सेठिया कोटड़ी में मुमुक्षु ने वीरेन्द्र मुनि आदि ठाणा से और समता साधना भवन, मालू कोटड़ी में शासन दीपिका साध्वी पारस श्रीजी व साध्वी कमल प्रभाश्रीजी आदिठाणा से आशीर्वाद लिया। सेठिया कोठड़ी के पास मुमुक्षु तरुणा दुगड़ (पुत्री हीरालाल व बबीता दुग्गड़) का अभिनंदन संयम मार्ग के गीतों के साथ किया गया। साधुमार्गी जैन संघ बीकानेर के अध्यक्ष विजय कुमार गोलछा, मंत्री सुरेन्द्र पारख, सुशील बच्छावत, निर्मल भूरा, वीरेन्द्र बडेर, आष्टा मध्य प्रदेश संघ के सुशील संचेती, मुकेश संचेती, संगीता संचेती, अस्मिता व जिनीषा संचेती, खिडकिया मध्य प्रदेश के पनराज मुहणोत ने अभिनंदन किया। बैद निवास पर कन्हैयालाल व श्रीमती इंदिरा बैद ने तिलक, माला व प्रशस्ति पत्र से मुमुक्षु तरुणा दुग्गड़ तथा उनकी बुआ मोनिका कातेला का अभिनंदन किया।

मुमुक्षु तरुणा दुग्गड़ देशनोक में 3 नवंबर 2025 को हुक्म गच्छ के नवम पट्धर, युग निर्माता, आचार्य रामलालजी महाराज के मुखारबिंद से और बहुश्रुत वाचनाचार्य उपाध्याय प्रवर राजेश मुनि तथा साध्वी श्री सुरीलीश्रीजी की प्रेरणा से संयम मार्ग अंगीकार करेंगी। उनके परिवार में शासन दीपक रोहित मुनि पहले से ही दीक्षित हैं।

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