दादा गुरुदेव के ‘इकतीसा’ का 7 घंटे तक सामूहिक पाठ



बीकानेर, 19 सितंबर। बीकानेर में गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर और अन्य मुनि व साध्वीवृंद के सान्निध्य में दादा गुरुदेव के 108 ‘इकतीसा’ का सामूहिक पाठ किया गया, जो 7 घंटे तक चला। यह आयोजन रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में हुआ। इसमें बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने भाग लिया।
हर परिस्थिति में परमात्मा को याद रखें
गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर ने अपने प्रवचन में जैन धर्म की परंपरा को मजबूत करने में चारों दादा गुरुदेवों के त्याग, तप और समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि गुरु भक्त गोपाल दास ने 74 साल पहले, संवत 2008 में, आसोज बदी तेरस, शुक्रवार को इस ‘इकतीसा’ की रचना की थी।




उन्होंने भक्तों को प्रेरित करते हुए कहा कि शरीर के कमजोर या बीमार होने पर भी परमात्मा को न भूलें। पाप कर्मों और पीड़ा के समय भी समता और समाधि भाव से परमात्मा का स्मरण करने से कर्मों का क्षय होता है। उन्होंने कहा कि हमें अपने मन को मजबूत रखना चाहिए और हर पल परमात्मा पर विश्वास रखना चाहिए।


आगामी आयोजन
साध्वी के तप की अनुमोदना: बीकानेर मूल की साध्वी दीपमाला श्रीजी के 11वें दिन की तपस्या की अनुमोदना की गई। उनके सम्मान में 24 सितंबर को सुबह 7:30 बजे ‘वरघोड़ा’ शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसके अलावा, 23 सितंबर को सुगनजी महाराज के उपासरे में ‘सांझी’ कार्यक्रम होगा।
दीपक एकासना: 21 सितंबर, रविवार को महावीर भवन में ‘दीपक एकासना’ का आयोजन होगा, जिसमें श्राविकाएं दीपक जलने तक केवल एक समय ही भोजन ग्रहण करेंगी।
अभिषेक और ध्वजा उत्सव:
22 सितंबर को बच्छावतों के मोहल्ले में भगवान वासुपूज्य स्वामी के मंदिर में 18 अभिषेक किए जाएंगे। 23 सितंबर को श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के तत्वावधान में भांडाशाह जैन मंदिर में 511वां वार्षिक ध्वजा उत्सव होगा, जहाँ भगवान सुमति नाथ जी की नई ध्वजा चढ़ाई जाएगी।