राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय अधिवेशन में नवाचारों और संगठनात्मक मजबूती पर जोर



श्रीडूंगरगढ़, 27 सितंबर। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिला शैक्षिक अधिवेशन का समापन सत्र रूपा देवी राज उच्च माध्यमिक विद्यालय श्रीडूंगरगढ़ में आयोजित हुआ। इस अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों को अपनाने और संगठनात्मक मजबूती पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया।
सिखाने की कला और नवाचार
पूर्व सहायक निदेशक स्कूल शिक्षा, चंद्रशेखर हर्ष ने समापन सत्र में शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि केवल ज्ञान से भरा शिक्षक ही पर्याप्त नहीं, बल्कि सिखाने की कला में निपुण होने वाला शिक्षक ही प्रभावशाली बनता है। उन्होंने शिक्षकों से शिक्षा क्षेत्र के नवाचारों व नई तकनीकों से जुड़े रहने और विद्यार्थियों को लाभान्वित कर उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने का आह्वान किया। विशिष्ट अतिथि प्रदेश संयुक्त मंत्री सुरेश व्यास ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षकों को शिक्षण कार्य के साथ-साथ डिजिटल माध्यम से भी कार्य करने में दक्षता हासिल करनी होगी, तभी वे बालकों को तकनीकी शिक्षा से जोड़ सकेंगे। दयाशंकर शर्मा ने कहा कि शिक्षक को हमेशा अपने कर्तव्यों के साथ-साथ बालक के व्यक्तित्व को निखारने का कार्य करके अपनी प्रतिष्ठा बनानी होगी।




संगठन की शक्ति और शिक्षक के अधिकार
संगठन के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि आचार्य ने अपने अध्यक्षीय भाषण में संगठनात्मक एकजुटता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संगठन सरकार और शिक्षकों के मध्य समन्वय करते हुए शिक्षकों के कर्तव्य के साथ-साथ अधिकारों की बात रखता है, जिससे समस्याओं का समाधान होता है। आचार्य ने चेतावनी दी कि संगठन के बिना शिक्षक परिवारविहीन होता है, इसलिए प्रत्येक शिक्षक को संगठनात्मक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेकर सांगठनिक परिवार को मजबूत बनाना चाहिए। जिलामंत्री नरेंद्र आचार्य ने शिक्षकों से “सरकार की चाबी भरने के लिए संगठन को सशक्त” करने का आह्वान किया, जिससे उनके मान-सम्मान की रक्षा हो सके।



खुले अधिवेशन में महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित
जिलामंत्री नरेंद्र आचार्य ने बताया कि तृतीय सत्र के खुले अधिवेशन में शिक्षा, शिक्षक, और शिक्षार्थी के हितों पर गहन चिंतन-मनन हुआ और संगठन के मांग पत्र सहित कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर सहमति बनी, जिन्हें सरकार को भेजा जाएगा।
प्रमुख प्रस्तावों में शामिल हैं:
स्थानांतरण और पदोन्नति: तृतीय श्रेणी शिक्षकों सहित समस्त संवर्ग के स्थानांतरण और पदोन्नति के लिए समाधान निकालना।
वेतन और पद: प्रबोधकों और पीडी मद में कार्यरत कर्मचारियों का वेतन कोषालय के माध्यम से आहरित करना। समस्त संवर्गों की डीपीसी करते हुए सभी रिक्त पदों को भरना।
शिक्षण कार्य: गैर-शैक्षणिक कार्यों पर रोक लगाना और बीएलओ (BLO) कार्य से शिक्षकों को मुक्त करना।
विद्यालय विकास: नवक्रमोन्नत विद्यालयों में पदों की वित्तीय स्वीकृति जारी करवाना, स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा, और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में द्वितीय/प्रथम श्रेणी शारीरिक शिक्षक के पद देना। इस अवसर पर रमेश हर्ष (उपनिदेशक शिक्षा निदेशालय) का अभिनंदन भी किया गया।

