कलश यात्रा के साथ बीकानेर में ‘नानीबाई रो मायरो’ कथा का भव्य आरम्भ



बीकानेर, 28 सितंबर । श्रीमाली ब्राह्मण समाज महिला मण्डल के तत्वावधान में त्रिदिवसीय ‘नानीबाई रो मायरो’ कथा का आरम्भ आज एक भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ। कलश यात्रा शहर के विभिन्न मोहल्लों से निकाली गई, जिसके माध्यम से लोगों को कथा श्रवण हेतु आमंत्रण दिया गया। महिला मण्डल की अध्यक्षा इन्द्रा दवे ने इस अवसर पर बीकानेर को धर्म नगरी बताते हुए कहा कि यह आयोजन गुजरात और राजस्थान की संस्कृति को आत्मसात करने जैसा है, और भक्त तथा भक्ति को कोई सीमा नहीं बांध सकती। उन्होंने कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजनों का जितना प्रचार-प्रसार किया जाए, उतना ही पुण्य मिलता है।




उदीयमान युवा कथावाचक पण्डित उत्कृष्ट महाराज ने कथा के आरम्भ में भक्तराज नरसी मेहता के जीवन वृत्त का परिचय देते हुए कहा कि भगवान को पाने के लिए दृढ़ निश्चय एवं निश्छल भक्ति की परम आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि भक्त की सच्ची निष्ठा होने पर भगवान को उसकी सहायता के लिए आना ही पड़ता है। पंडित महाराज ने राजस्थान की कृष्ण भक्त करमाबाई का मार्मिक प्रसंग सुनाया और कहा कि करमा बाई की निश्छल भक्ति के कारण ही भगवान को धरती पर आकर उनके द्वारा बनाया गया खिचड़े का भोग अर्पण करना पड़ा था। उन्होंने जोर दिया कि जीवन में कितने ही संकट आएं, लेकिन ईश्वर पर विश्वास रखने से वह हर संकट को हर लेता है।



श्रीमाली महिला मण्डल की प्रवक्ता एवं सहसचिव सुनीता श्रीमाली ने बताया कि कथा के दौरान कई सजीव झाँकियों का प्रदर्शन किया गया, जिसमें कृष्ण एवं करमाबाई, महादेव एवं पार्वती, कृष्ण एवं राधिका, और नरसी मेहता के रूपों का सजीव चित्रण हुआ। श्रीमती सरस्वती आचार्य और संगीतकार लालजी वैरागी ने मधुर कंठ से प्रासंगिक भजनों की प्रस्तुति दी, जबकि कान्हा पुरोहित ने तबले पर और नवीन शर्मा ने ओक्टोपैड पर संगत की। कथा के प्रारम्भ में मनमोहन एवं इन्द्रा दवे सहित अन्य सपत्नीक यजमानों ने पूजन एवं अर्चन किया। कथा में श्रीमाली समाज की महिलाओं सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

