ज्ञानशाला के माध्यम से बच्चे जैन संस्कारों को सीखते हैं

shreecreates
quicjZaps 15 sept 2025

संस्कार निर्माण कार्यशाला – ज्ञानशाला, राजराजेश्वरी नगर

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl
SETH TOLARAM BAFANA ACADMY

राजराजेश्वरी नगर, 27 सितंबर। युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री पुण्ययशा जी ठाणा 4 के पावन सान्निध्य में राजराजेश्वरी नगर तेरापंथ सभा द्वारा रविवार, 27 सितंबर को ज्ञानशाला के बच्चों का संस्कार निर्माण शिविर का सफल आयोजन किया गया, जो सुबह 9:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक चला। शिविर का प्रारंभ साध्वी श्री जी द्वारा नमस्कार महामंत्र से हुआ, जिसके बाद प्रशिक्षिका बहनों ने मंगलाचरण किया। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष राकेश छाजेड़ ने सभी का स्वागत करते हुए प्रशिक्षिका बहनों के प्रयास की सराहना की। इस अवसर को खास बनाने के लिए भिक्षु त्रिशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में बच्चों ने गीतिकाएँ प्रस्तुत कीं और स्वामीजी के प्रेरक प्रसंगों पर नाटक मंचित किए।

pop ronak
kaosa

साध्वी श्री पुण्ययशा जी ने अपने मंगल उद्बोधन में ज्ञानशाला के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आचार्य श्री तुलसी ने केवल ज्ञानशाला का बीज ही नहीं बोया, बल्कि इसे प्रतिष्ठित भी किया था और वर्तमान में आचार्य श्री महाश्रमण जी भी इसके प्रति अत्यंत जागरूक हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ज्ञानशाला के माध्यम से बच्चे केवल जैन विद्या का ज्ञान ही नहीं करते, बल्कि जैन संस्कारों को सीखते हुए अपने जीवन को आदर्श बनाते हैं, और जो बच्चे अपने गुरुजनों तथा माता-पिता का सम्मान करते हैं, वही आदर्श बच्चा कहलाता है। उन्होंने ज्ञानशाला को आचार्य तुलसी का सपना बताते हुए माता-पिता से इसके प्रति जागरूक बनने का आह्वान किया, ताकि यह सपना ‘शुभ भविष्य है सामने’ का आदर्श बने। शिविर में प्रेक्षा प्रशिक्षक हेमराज जी सेठिया ने बच्चों को योग का प्रशिक्षण दिया और साध्वी श्री जी तथा प्रशिक्षिका बहनों द्वारा ज्ञानवर्धक प्रतियोगिताएँ व धार्मिक हाउजी आदि रोचक कार्यक्रम कराए गए।

प्रतियोगिता विकास का द्वार खोलती है-साध्वी श्री पुण्ययशा

सांयकालीन सत्र में तेरापंथ प्रबोध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें छह ग्रुप के 19 जनों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता दर्ज की। साध्वी बोधिप्रभा जी ने इस प्रतियोगिता को रोचक और सरल तरीके से संपन्न करवाया। साध्वी श्री पुण्ययशाजी ने पुनः अपने मंगल उद्बोधन में कहा कि भिक्षु त्रिशताब्दी वर्ष में तेरापंथ प्रबोध सबको कंठस्थ होना चाहिए, क्योंकि प्रतियोगिता विकास का द्वार खोलती है और सबको आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। इस प्रतियोगिता में हेमराज ग्रुप प्रथम, अजबूजी ग्रुप द्वितीय और फतेहचंद ग्रुप तृतीय स्थान पर रहा। आर आर नगर ज्ञानशाला के प्रभारी सुशील भंसाली का शिविर आयोजन में पूर्ण सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन संयोजिका नीतू बाफना ने किया और आभार प्रिया छाजेड़ ने व्यक्त किया। दोनों कार्यक्रमों में भक्तों और बच्चों की अच्छी संख्या में उपस्थिति रही।

mmtc 2 oct 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *