राज्य सरकार द्वारा तबादलों पर भ्रष्टाचार का आरोप, डोटासरा का बीजेपी पर हमला



जयपुर, 1 अक्टूबर। राज्य सरकार द्वारा हाल ही में साढ़े चार हजार प्रधानाचार्यों के तबादलों को लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि तबादला सूची मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और अधिकारियों के बीच घूमती रही, जिस दौरान जमकर भ्रष्टाचार हुआ।




जन्मदिन पर शक्ति प्रदर्शन और तीखा हमला
बुधवार को अपने जन्मदिन के अवसर पर कांग्रेस वॉररूम में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में डोटासरा ने कहा कि प्रदेशभर से आए पार्टी कार्यकर्ताओं ने ‘वोट चोर-गद्दी छोड़’ हस्ताक्षर अभियान के तहत करीब 8 हजार फॉर्म भरे। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी नेता खुद भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, लेकिन आरोप दूसरों पर मढ़ते हैं। डोटासरा ने आगामी निकाय और पंचायत चुनावों में बीजेपी को उसकी “औकात” दिखाने की बात कही। उन्होंने चेतावनी दी कि भले ही बीजेपी चुनाव टाल दे, लेकिन जब भी चुनाव होंगे, उन्हें “मुंह की खानी पड़ेगी।”



डोटासरा ने विश्वविद्यालयों में आरएसएस के शस्त्र पूजन कार्यक्रम पर भी सवाल उठाए और बीजेपी कार्यकर्ताओं में भी सरकार की कार्यशैली के प्रति असंतोष होने का दावा किया।
तबादलों में भ्रष्टाचार का खेल
डोटासरा ने तबादला प्रक्रिया पर विस्तार से बात करते हुए कहा कि शुरू में 800 प्रधानाचार्यों की सूची तैयार हुई थी। यह सूची सीएमओ पहुंची तो 1100 की हो गई। इसके बाद सूची आरएसएस कार्यालय गई, जहां यह डबल होकर 1700-1800 हो गई। फिर सीएमओ में यह 3500 और अंततः 4500 तक पहुंच गई। उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया में अफसरों और दलालों ने जमकर भ्रष्टाचार किया। डोटासरा ने कहा, “मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि यह भारी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा है।”
उन्होंने यह भी खुलासा किया कि जनवरी में बीजेपी विधायकों से नाम लिए गए और तब से “पर्ची कटना” शुरू हो गया था। सितंबर के अंत में सूची जारी हुई, लेकिन शिक्षा मंत्री पर सवाल उठाते हुए डोटासरा ने कहा कि इतने बड़े भ्रष्टाचार के बाद भी वे दूसरों पर आरोप कैसे लगा सकते हैं?
जीएसटी में लूट और सत्ता का डर
डोटासरा ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने 10 साल तक जीएसटी के जरिए लूट मचाई, लेकिन अब बिहार चुनाव में सत्ता विरोधी लहर के डर से जीएसटी दरों में कमी की घोषणा की। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि इस कमी से आम आदमी को कोई राहत नहीं मिली और सामान सस्ता नहीं हुआ।
वोट चोरी और संवैधानिक हत्या का आरोप
डोटासरा ने भाजपा और केंद्र सरकार पर दो तरीकों से वोट चोरी करने का गंभीर आरोप लगाया कि भाजपा चुनाव के समय चुनाव आयोग के अफसरों को अपने पक्ष में करके फर्जी वोट जोड़ती है। दूसरा तरीका है एसआईआर (SIR) के जरिए ऐसे मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से कटवाना, जो कांग्रेस या अन्य दलों को वोट देते हैं। उन्होंने इसे संविधान और लोकतंत्र की हत्या बताया। डोटासरा ने बीजेपी पर वोट चोरी का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी दो तरीकों से वोट चुराती है: पहला, चुनाव आयोग के अधिकारियों को अपने पक्ष में करके फर्जी वोट जोड़े जाते हैं। दूसरा, एसआईआर के जरिए उन लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जाते हैं जो बीजेपी को वोट नहीं देते। उन्होंने इसे संविधान और लोकतंत्र की हत्या करार दिया।
GST पर केंद्र सरकार को घेरा
कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र सरकार पर पिछले 10 साल से जीएसटी में लूट करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब बिहार चुनाव के कारण सिंहासन डगमगाने लगा, और सत्ता विरोधी लहर का डर लगा, तब जाकर जीएसटी कम करने का फैसला किया गया। उन्होंने दावा किया कि जीएसटी दरों में कमी को तुरूप का इक्का समझा जा रहा था, लेकिन इस कमी के कारण कोई सामान सस्ता नहीं मिल रहा और आम आदमी को कोई राहत नहीं मिली।
जन्मदिन पर शक्ति प्रदर्शन
डोटासरा के जन्मदिन के मौके पर कांग्रेस वॉररूम पर शक्ति प्रदर्शन भी देखने को मिला, जहाँ प्रदेशभर से आए पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने ‘वोट चोर-गद्दी छोड़’ हस्ताक्षर अभियान के तहत लगभग 8000 फॉर्म भरे। उन्होंने यूनिवर्सिटी में RSS के शस्त्र पूजन कार्यक्रम पर भी सवाल खड़े किए। वॉररूम के बाहर टेंट लगाकर इंतजाम किए गए थे। प्रदेशभर से लोग उन्हें बधाई देने आए, और शहर में होर्डिंग्स व बैनर लगाए गए। इस आयोजन को कांग्रेस के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है।
निकाय और पंचायत चुनावों में ‘औकात’ बताने की चेतावनी
डोटासरा ने भाजपा सरकार की कार्यशैली पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि आने वाले निकाय और पंचायत चुनावों में “बीजेपी को उसकी औकात बताएंगे।” उन्होंने चुनौती दी कि वे चुनाव टाल सकते हैं, लेकिन जिस दिन भी चुनाव होंगे, उन्हें मुंह की खानी पड़ेगी, क्योंकि जनता ही नहीं, बल्कि भाजपा कार्यकर्ता भी इस सरकार की कार्यशैली से खुश नहीं हैं।

