राष्ट्रीय निगमों के लिए ‘एकमुश्त समाधान योजना’ के दिशा-निर्देश जारी



बीकानेर, 3 अक्टूबर। राजस्थान अनुसूचित जाति जनजाति वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड (अनुजा निगम) ने अपने ऋणियों को राहत देने के लिए एकमुश्त समाधान योजना (OTS) 2025-26 से जुड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह योजना उन ऋणियों को बड़ी राहत प्रदान करेगी जिनका ऋण एक निश्चित तिथि तक अतिदेय (overdue) हो चुका है।
योजना में शामिल निगम और पात्रता
अनुजा निगम की परियोजना प्रबंधक श्रीमती कविता स्वामी ने बताया कि यह योजना केंद्र सरकार के निम्नलिखित निगमों की योजनाओं में स्वीकृत ऋणों पर लागू होगी:




- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम (NSFDC)
- राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम (NSTFDC)
- राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम (NSKFDC)
- राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम (NDFDC)
- राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम (NBCFDC)
मुख्य शर्तें और छूट
लाभार्थी पात्रता: इस योजना का लाभ उन लाभार्थियों को मिलेगा जो 31 मार्च 2024 तक अतिदेय (overdue) मूलधन को निगम में जमा करा देंगे।



छूट का प्रावधान: पात्र ऋणी को साधारण ब्याज एवं दण्डनीय ब्याज (Penal Interest) में पूर्ण छूट दी जाएगी।
मूलधन पर छूट नहीं: परियोजना प्रबंधक ने स्पष्ट किया कि इस योजना में अतिदेय मूलधन (overdue principal amount) में किसी प्रकार की छूट देय नहीं होगी। ऋणी को केवल बकाया मूलधन ही जमा कराना होगा।
अतिदेय मूलधन जमा कराने की समय सीमा
भुगतान अवधि का विस्तार: एकमुश्त समाधान योजना का लाभ लेने के लिए अतिदेय मूलधन जमा कराने की अवधि 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 कर दी गई है।
योजना की अवधि: योजना की निर्धारित अवधि 1 मई से 31 अक्टूबर 2025 है। जो ऋणी इस अवधि के भीतर 31 मार्च 2024 तक का अतिदेय मूलधन या मूल ऋण राशि जमा करवा देंगे, उनका अतिदेय ब्याज और शास्ति (जुर्माना) माफ कर दिया जाएगा। इच्छुक ऋणी योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए अनुजा निगम कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।

