गौशाला अनुदान में देरी पर बड़ा आंदोलन, 15 अक्टूबर तक राशि नहीं मिली तो सामूहिक अनशन


बीकानेर, 10 अक्टूबर । बीकानेर गौशाला संघ ने राज्य की लगभग 2700 गौशालाओं को पिछले 11 माह से अनुदान नहीं मिलने, गौशालाओं के उत्पीड़न और गोचर भूमि अधिग्रहण के विरोध में एक बड़े राज्य स्तरीय आंदोलन की घोषणा की है। पुन्यानंद आश्रम, जैसलमेर रोड पर आयोजित विशाल बैठक में संतों के सान्निध्य में यह निर्णय लिया गया।
अनुदान नहीं मिला तो संभाग मुख्यालय पर सामूहिक अनशन
संघ ने राज्य सरकार को अंतिम चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि 15 अक्टूबर (आगामी मंगलवार) तक राज्य सरकार राजस्थान की समस्त गौशालाओं की अनुदान राशि जारी नहीं करती है, तो संघ के कार्यकर्ता पशुपालन विभाग के संभागीय मुख्यालयों पर सामूहिक अनशन पर बैठ जाएँगे। संघ के मालाराम सारस्वत बापेऊ ने कहा कि इस अनशन से उत्पन्न होने वाले समस्त दायित्व की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।



राज्य स्तरीय आंदोलन का शंखनाद 7 नवंबर को
बीकानेर गौशाला संघ के अध्यक्ष सूरजमाल सिंह नीमराना ने बताया कि 11 महीने बीत जाने के बाद भी लगभग 2700 गौशालाएं अनुदान से वंचित हैं और आठ जिलों में तो बिल-वाउचर भी नहीं मांगे गए हैं। उन्होंने गौ संवर्धन निधि का उपयोग अन्य कार्यों में करने को सरकार की उदासीनता बताते हुए कड़ा विरोध जताया। संघ ने बड़े राज्य स्तरीय आंदोलन की विस्तृत रूपरेखा तैयार की है:



पहला चरण (7 नवंबर): बीकानेर संभाग स्तरीय विशाल सभा का आयोजन बीकानेर में किया जाएगा। इसमें बीकानेर, हनुमानगढ़, गंगानगर, चूरू व डीडवाना-कुचामन की गौशालाओं के लगभग 20,000 कार्यकर्ता सम्मिलित होंगे। इसी सभा से राज्य स्तरीय आंदोलन का शंखनाद किया जाएगा।
दूसरा चरण: बीकानेर के बाद राजस्थान के सातों संभागों में बड़ी सभाएं आयोजित करके राज्य सरकार को गौशालाओं का उत्पीड़न बंद करने की चेतावनी दी जाएगी।
तीसरा चरण (जनवरी 2026): जनवरी 2026 के दूसरे सप्ताह में जयपुर में राज्य स्तर पर एक विशाल धरने का आयोजन किया जाएगा।
गोचर भूमि अधिग्रहण का कड़ा विरोध
गौ ग्राम सेवा संघ के महेंद्र सिंह लखासर ने बीकानेर विकास प्राधिकरण (BDA) द्वारा बीकानेर जिले के 188 ग्रामों सहित लगभग 40,000 बीघा गोचर भूमि के अधिग्रहण प्रयासों का कड़ा विरोध किया। संघ ने गोचर ओरण संरक्षक संघ द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की। गौशाला संचालकों ने शपथ ली कि वे गोचर (चरागाह) जो गोवंश और असंख्य जीव-जंतुओं के लिए अति महत्वपूर्ण है, उसे बेचने के लिए उपयोग नहीं होने देंगे और आंदोलन में तन, मन, धन से सहयोग करेंगे। बैठक में पूज्य श्याम गिरी जी महाराज, गोविंद स्वरूप जी महाराज, सुखदेव जी महाराज, संत चंद्रशेखर जी महाराज, सहित बीकानेर जिले की सभी 9 पंचायत समितियों के गौशाला संचालकों ने भाग लिया।








