बीकानेर में बन रहा दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क: 2,450 MW उत्पादन क्षमता के साथ जुड़ेगा 5,000 MW का BESS


बीकानेर, 29 अक्टूबर। राजस्थान एक बार फिर सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश के लिए मिसाल बनने जा रहा है, जहाँ बीकानेर जिले के पूगल क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा सोलर एनर्जी पार्क विकसित किया जा रहा है, जिसकी बिजली उत्पादन क्षमता 2,450 मेगावाट होगी। इस परियोजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह देश का पहला सोलर पार्क होगा जिसमें बड़े पैमाने पर 5,000 मेगावाट का बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) सौर ऊर्जा उत्पादन के साथ जोड़ा जा रहा है, जो अतिरिक्त ऊर्जा को संग्रहित कर गैर-धूप वाले घंटों में भी बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।




इंडिया एनर्जी स्टोरेज एलायंस (IESA) के अध्यक्ष देबमल्य सेन ने इस सोलर-बीईएसएस प्लांट को भारत के लिए एक बड़ा गेम-चेंजर बताया है। राजस्थान सोलर पार्क डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (RSDCL) द्वारा 4,780 हेक्टेयर सरकारी भूमि पर विकसित किए जा रहे इस ‘प्लग एंड प्ले मॉडल’ प्रोजेक्ट की सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं, और ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा ने बताया कि इससे उत्पन्न ऊर्जा राज्य के घरेलू उपभोग के लिए इस्तेमाल होगी, जिससे राजस्थान आत्मनिर्भर ऊर्जा राज्य बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा। अधिकारियों के अनुसार, इस परियोजना से 1,000 से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे और हर साल 2 लाख टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी, जो भारत में नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण का एक आदर्श मॉडल बनेगा।



पूगल सोलर पार्क के पर्यावरणीय और आर्थिक लाभ
बीकानेर के पूगल में बन रहा यह विशाल सोलर पार्क न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे देश के लिए ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण पर्यावरणीय और आर्थिक लाभ लेकर आएगा:
1. पर्यावरणीय लाभ (Environmental Benefits)
कार्बन उत्सर्जन में कमी: अधिकारियों के अनुसार, यह परियोजना हर साल 2 लाख टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन में कमी लाएगी। यह जीवाश्म ईंधन (कोयला) पर निर्भरता कम करके जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
स्वच्छ ऊर्जा स्रोत: यह पार्क 2,450 मेगावाट स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन करेगा, जिससे बिजली उत्पादन में कोयला जलाने की आवश्यकता कम होगी, वायु प्रदूषण पर नियंत्रण होगा और राज्य के पर्यावरणीय पदचिह्न (Environmental Footprint) में सुधार होगा।
2. आर्थिक लाभ (Economic Benefits)
आत्मनिर्भर ऊर्जा राज्य: इस पार्क से उत्पन्न ऊर्जा का उपयोग मुख्य रूप से राज्य के घरेलू उपभोग के लिए किया जाएगा, जिससे राजस्थान ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर राज्य बनने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाएगा और बाहरी ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम होगी।
रोजगार सृजन: इस महत्वाकांक्षी परियोजना से 1,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय लोगों को आजीविका मिलेगी और क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा।
निवेश और विकास: ‘प्लग एंड प्ले मॉडल’ के तहत विकसित किए जाने से निवेशकों को आसानी होगी, जिससे क्षेत्र में पूंजी निवेश बढ़ेगा। साथ ही, सड़कों, ग्रिड सबस्टेशन (765/400 केवी) और ट्रांसमिशन लाइनों जैसे बुनियादी ढांचों का विकास होगा।
बैटरी स्टोरेज का नवाचार: 5,000 मेगावाट के बड़े पैमाने पर बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) का एकीकरण देश में पहली बार हो रहा है। यह नवाचार ग्रिड स्थिरता सुनिश्चित करेगा, अतिरिक्त सौर ऊर्जा को संग्रहित करेगा, और बिजली को गैर-धूप वाले घंटों (शाम/रात) में भी उपलब्ध कराएगा, जिससे ऊर्जा प्रबंधन में विश्वसनीयता आएगी।
संक्षेप में, पूगल सोलर पार्क राजस्थान को न केवल ‘सौर ऊर्जा हब’ बनाएगा, बल्कि एक स्थायी और हरित भविष्य की ओर भी ले जाएगा।








