निर्वाण पीठाधीश्वर स्वामी विशोकानंद भारती का हुआ विशेष सम्मान


- वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया गया चरण पूजन
बीकानेर, 31 अक्टूबर 2025। भारतीय संस्कृति व सनातन जागृति महा अभियान के अंतर्गत, वर्ष पर्यंत जारी 43वें पूजन अनुष्ठान का सप्तदिवसीय संतजन चरण पूजन व वंदन अनुष्ठान 31 अक्टूबर 2025 को कोटगेट स्थित धनीनाथ गिरि मठ पंच मंदिर में निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर राजगुरु स्वामी श्री विशोकानंद भारती जी महाराज के चरण पूजन और वंदन के साथ शुरू हुआ। यह अनुष्ठान महाराज जी के संन्यास आश्रम के पचास वर्ष पूर्ण होने पर स्वर्ण जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में दिव्य और विशेष रहा। अनुष्ठान के साधक पंडित योगेन्द्र कुमार दाधीच (राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय संस्कृति एव सनातन सार्वभौम महासभा) की अगुवाई में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ त्रिवेणी गंगा जल, दुग्ध, चंदन, केसर, गुलाब जल व इत्र द्रव्य से महाराज जी के चरण पूजन किए गए और उन्हें पुष्पहार, दुपट्टा, अंग वस्त्र तथा शॉल भेंट कर अभिनंदन पत्र प्रदान किया गया।




इस सप्तदिवसीय अनुष्ठान की श्रृंखला में, अगला संतजन पूजन व वंदन अनुष्ठान 1 नवंबर 2025 (शनिवार) को शिवमठ शिवबाड़ी के महंत स्वामी श्री विमर्शानंद गिरी जी महाराज का लालेश्वर महादेव मंदिर में होगा। इसके बाद, सनातन धर्म के महापर्व देवोत्थान एकादशी के अवसर पर, भारतीय संस्कृति एव सनातन सार्वभौम महासभा द्वारा पंडित योगेन्द्र कुमार दाधीच की अगुवाई में 2 नवंबर 2025 (रविवार) को एक साथ 151 मंदिरों में पूजन, भोग और तुलसी शालग्राम विवाहोत्सव के दिव्य अनुष्ठान होंगे। नगर सेठ श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर में प्रातः दस बजे विशेष पूजन व माखन मिश्री भोग का मुख्य अनुष्ठान होगा, जिसके बाद भोग प्रसाद का वितरण भगवान श्री विष्णु के दशावतार की सवा लाख मंत्रों से अभिमंत्रित तस्वीरों के साथ भक्तों को किया जाएगा। निर्धारित 151 मंदिरों में तुलसी शालग्राम विवाहोत्सव के अनुष्ठान सांय 5:30 बजे से पुजारियों के माध्यम से भक्तों की उपस्थिति में संपन्न होंगे।











