महाराष्ट्र की सियासत में कांग्रेस अकेली, BMC चुनाव से पहले ‘एकला चलो’ का नारा, शरद पवार ने दिया उद्धव ठाकरे का साथ


मुम्बई, 21 नवंबर। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव से ठीक पहले महाराष्ट्र की सियासत में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) महाविकास आघाड़ी (MVA) से अलग-थलग पड़ती नजर आ रही है। कांग्रेस ने मनपा चुनाव अकेले लड़ने का नारा दिया है, जिससे गठबंधन में बड़ा पेच खड़ा हो गया है। इस बीच, MVA के वरिष्ठ नेता शरद पवार ने भी अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस के ‘एकला चलो’ नारे पर सवाल उठाते हुए उद्धव ठाकरे का समर्थन किया है।
‘वोट चोरी के खिलाफ मोर्चा, तो चुनाव अलग क्यों?’
शरद पवार ने कड़े शब्दों में आघाड़ी के नेताओं को ‘बड़ों वाला सुझाव’ देते हुए कहा है कि जब वे वोट चोरी के खिलाफ ‘सत्य का मोर्चा’ एकसाथ निकालते हैं, तो चुनाव अलग-अलग क्यों लड़ा जाए? पवार के इस बयान को उद्धव ठाकरे के उस रुख के समर्थन के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें वह महायुति के खिलाफ विपक्षी एकता बनाए रखने पर ज़ोर दे रहे हैं।
राज ठाकरे की एंट्री पर कांग्रेस को आपत्ति
कांग्रेस की नाराजगी का मुख्य कारण राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के साथ उद्धव ठाकरे की संभावित युति है। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद वर्षा गायकवाड़ ने सार्वजनिक रूप से हमला बोलते हुए कहा था, “मारपीट करने वाली पार्टियों के साथ हम नहीं जाएंगे। हम उन्हीं के साथ जाएंगे जो सबको साथ लेकर चलें।” कांग्रेस प्रभारी रमेश चेन्नीथला ने भी चिंतन शिविर के बाद मुंबई महापालिका चुनाव के लिए ‘एकला चलो रे’ का नारा दिया, जिससे MNS के साथ गठबंधन का सपना धुंधला पड़ गया।



उद्धव ठाकरे दिल्ली में हाई कमान से संपर्क में
कांग्रेस के अलग चुनाव लड़ने की घोषणा के बावजूद, उद्धव ठाकरे (शिवसेना UBT) लगातार दिल्ली में कांग्रेस हाई कमान से संपर्क में हैं। उनका तर्क है कि अगर महायुति के खिलाफ विपक्ष अलग-अलग चुनाव लड़ता है, तो दोनों ही दलों का बड़ा नुकसान होगा और बीजेपी को हराने के लिए एकता बनाए रखना जरूरी है। हालांकि, MNS नेता संदीप देशपांडे ने स्पष्ट किया है कि शरद पवार भले ही MVA में हों, लेकिन महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) MVA का हिस्सा नहीं है।











