गोचर ओरण संरक्षण के लिए देह त्यागनी पड़ी तो पीछे नहीं हटूंगा: राष्ट्रीय संत सरजूदास जी महाराज


बीकानेर, 23 नवंबर । राष्ट्रीय संत श्री सरजूदास जी महाराज ने गोचर और ओरण भूमि के अधिग्रहण के प्रयास पर सख्त चेतावनी दी है। रामझरोखा कैलाशधाम में गोचर ओरण संरक्षण के लिए 2 दिसंबर को होने वाले रुद्राभिषेक और गोपाल गौयज्ञ की तैयारी बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि “गोचर व ओरण संरक्षण के लिए मैं प्रतिबद्ध हूँ और यदि एक इंच जमीन भी बीकानेर विकास प्राधिकरण (BDA) द्वारा अधिकरण की जाती है तो मैं देह त्याग दूंगा।” उन्होंने सरकार और प्रशासन से गोचर ओरण को नष्ट न करने और इसका संरक्षण सुनिश्चित करने की अपील की।



शास्त्रों में गाय की महत्ता और चेतावनी
मुरलीमनोहर धोरा से संत श्री श्यामसुंदरदास जी महाराज ने कहा कि शास्त्रों और जनजीवन दोनों में गाय की विशेष महत्ता है, और यदि गाय की भूमि ही नष्ट कर दी गई तो कुछ भी शेष नहीं रहेगा। पं. जुगलकिशोर ओझा पुजारी बाबा और ज्योतिषाचार्य पं. राजेन्द्र किराड़ू ने कहा कि गौमाता में 33 करोड़ देवी-देवता विराजित होते हैं, और गोचर भूमि विशेष रूप से निराश्रित गौवंश के लिए पूर्वजों ने छोड़ी है। उन्होंने चेतावनी दी कि इसका उपयोग अन्य काम के लिए करना या इस पर कब्जा करना विनाश का कारण बनता है। बैठक में शिव गहलोत और मिलन गहलोत सहित अन्य वक्ताओं ने बीकानेर की धर्मनगरी के रूप में विख्यात होने और गोचर संरक्षण के लिए किए गए संघर्ष पर प्रकाश डाला।



2 दिसंबर को रुद्राभिषेक और गौयज्ञ का आयोजन
शिव गहलोत ने बताया कि गोचर ओरण भूमि संरक्षण के लिए यह बड़ा आयोजन 2 दिसंबर 2025 को किया जाएगा। अखिल भारतीय गोवंश गोचर संरक्षक संस्थान बीकानेर एवं गोचर ओरण संरक्षक संघ राजस्थान के तत्वावधान में होने वाले इस आयोजन में, राष्ट्रीय संत श्री सरजूदास जी महाराज ने बताया कि जिला कलक्टर कार्यालय के समक्ष 151 वैदिक ब्राह्मणों द्वारा अनुष्ठान किया जाएगा।
- रुद्राभिषेक: सुबह 11:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक।
- गोपाल गौयज्ञ व आरती: दोपहर 2:00 बजे से 5:00 बजे तक।
यह आयोजन पं. जुगलकिशोर ओझा पुजारी बाबा के सान्निध्य और पं. राजेन्द्र किराड़ू के आचार्यत्व में संपन्न होगा।








