सनसनीखेज खुलासा- मनी-लॉन्ड्रिंग और कट्टरपंथी गतिविधियों के आरोप में एजुकेशनल ट्रस्ट बीकानेर इकाई का पूर्व प्रेसिडेंट गिरफ्तार!


बीकानेर, 5 दिसम्बर। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बीकानेर में एक बड़ी और सनसनीखेज कार्रवाई करते हुए अलफुरकान एजुकेशनल ट्रस्ट (AET) की बीकानेर इकाई के पूर्व प्रेसिडेंट मोहम्मद सादिक उर्फ सादिक खान को गिरफ्तार किया है। उस पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत कार्रवाई की गई है। सादिक पर डोनेशन लेकर देश-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने, बड़े पैमाने पर कैश-बेस्ड क्रिमिनल एक्टिविटी, और संदिग्ध विदेशी कनेक्शन रखने के गंभीर आरोप लगे हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग और रेडिकलाइजेशन के गंभीर आरोप
ED के अनुसार, मोहम्मद सादिक पर पब्लिक डोनेशन को सिस्टमेटिक तरीके से दूसरी जगह भेजने, रेडिकलाइजेशन (कट्टरपंथ) और गैर-कानूनी नेटवर्क में शामिल होकर मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप है। राजस्थान पुलिस की दो FIR और भरोसेमंद जानकारी के आधार पर ED ने यह जांच शुरू की थी।
गिरफ्तारी के बाद सादिक को स्पेशल (PMLA) कोर्ट, जयपुर में पेश किया गया, जहाँ से कोर्ट ने आगे की गहन जांच के लिए उसे 3 दिन की ED कस्टडी में भेज दिया है।




मुख्य आरोप जो चौंकाते हैं
करोड़ों का अवैध ट्रांजैक्शन: सादिक पर कट्टरपंथ, जबरन धर्म परिवर्तन (धर्मांतरण) को बढ़ावा देने और विदेशी कट्टरपंथी संगठनों से जुड़ाव का आरोप है। उसने अपने और परिवार के बैंक खातों से करोड़ों रुपए के संदिग्ध हाई वैल्यू फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन किए। पुलिस FIR में उस पर हत्या की कोशिश और गैर-कानूनी हथियारों के इस्तेमाल के आरोप भी हैं।



वित्तीय रिकॉर्ड का अभाव: सादिक ने अलफुरकान एजुकेशनल ट्रस्ट बनाया, जो मस्जिद-ए-आयशा को मैनेज करता है। वह इस ट्रस्ट के लिए नियमित रूप से कैश में पब्लिक डोनेशन इकट्ठा करता था, जिसका कोई फाइनेंशियल रिकॉर्ड नहीं रखा जाता था। इस फंड का इस्तेमाल गैर-कानूनी कामों और कट्टरपंथी एजेंडे को फाइनेंस करने के लिए किया गया।
विदेशों में संदिग्ध दौरे: सादिक ने बिना किसी कानूनी फाइनेंशियल ट्रेल के, बांग्लादेश, नेपाल, कतर और ओमान के कई दौरे किए। बांग्लादेश में वह मोहम्मद सलीम उर्फ सौरभ वैद्य से मिला, जिसे बाद में प्रतिबंधित संगठन हिज्ब-उत-तहरीर से कथित संबंधों के लिए गिरफ्तार किया गया था।
JMB से संपर्क और सीरिया जाने की योजना: ED जांच में खुलासा हुआ कि सादिक बांग्लादेश में जमात-उल-मुजाहिदीन (JMB/JuM) के सदस्यों से मिला और भारत लौटने पर भी संपर्क बनाए रखा। वह संघर्ष वाले इलाकों में जाने के लिए सीरिया जाने वाला था, लेकिन इमिग्रेशन अधिकारियों ने उसे रोक लिया। इसके अलावा, एक भड़काऊ भाषण वाला वीडियो भी जांच के दायरे में है।
सार्वजनिक कार्यों में देश-विरोधी कृत्य: सादिक की देखरेख में पब्लिक फंक्शंस में दूसरे देश के झंडे जलाए गए, और धार्मिक भावनाओं का फायदा उठाकर कैश डोनेशन इकट्ठा किया गया।
ED के अनुसार, सादिक के पास कई सालों तक इनकम का कोई वैध सोर्स नहीं था। लोकल पुलिस पहले भी सादिक और उसके साथियों से 3 देसी हथियार और जिंदा कारतूस बरामद कर चुकी है। 3 दिन की ED कस्टडी के दौरान पूछताछ से इस बड़े नेटवर्क के और खुलासे होने की संभावना है।








