सुरेंद्र भूरा का ऐतिहासिक तप; एक ही वर्ष में दो ‘मासखमण’ कर रचा नया कीर्तिमान


बीकानेर/गंगाशहर, 20 दिसंबर। जैन दर्शन में तप को आत्मा की शुद्धि और कर्मों के क्षय का सबसे सशक्त माध्यम माना गया है। इसी आध्यात्मिक मार्ग पर चलते हुए गंगाशहर के सुरेंद्र कुमार भूरा ने एक ही वर्ष में दूसरी बार ‘मासखमण’ (31 दिवसीय निराहार तपस्या) का संकल्प लेकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। शनिवार को तेरापंथ भवन, गंगाशहर में उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमल कुमार जी के पावन सान्निध्य में इस महान तप की अनुमोदना का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया।



अभिनन्दन पत्र का वाचन करते हुए तेरापंथी संगठन मंत्री कमल भंसाली
तप से ही संभव है आत्म-कल्याण: मुनि कमल कुमार
समारोह को संबोधित करते हुए मुनि श्री कमल कुमार जी ने कहा कि तपस्या वह अग्नि है जो जन्म-जन्मांतर के कर्म परमाणुओं को जलाकर भस्म कर देती है। जैन दर्शन के अनुसार, मोक्ष प्राप्ति के चार स्तंभों—ज्ञान, दर्शन, चारित्र और तप—में से तप का मार्ग सबसे कठिन है। मुनि श्री ने सुरेंद्र भूरा के मनोबल की सराहना करते हुए बताया कि उन्होंने इस वर्ष 4, 5, 6, 7, 9, 10, 11 और अब दूसरी बार 31 दिनों की तपस्या (मासखमण) कर अपनी आत्मा को निर्मल बनाया है। उन्होंने इसे दिवंगत तपोमूर्ति साध्वी श्री ईलाकुमारी जी के तप गुणों का प्रभाव बताया और स्वयं द्वारा रचित प्रेरक गीतिका का गान किया।


गंगाशहर के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगा वर्ष 2025
तेरापंथ सभा गंगाशहर की ओर से जैन लूणकरण छाजेड़ ने अभिनन्दन करते हुए कहा कि वर्ष 2025 गंगाशहर के लिए ‘तपस्या का वर्ष’ साबित हुआ है। मुनि श्री की प्रेरणा से यहाँ सभी ऋतुओं में तप का अखंड प्रवाह जारी रहा। कार्यक्रम के दौरान संगठन मंत्री कमल भंसाली ने साध्वी प्रमुखा विश्रुतविभा जी द्वारा भेजे गए संदेश का वाचन किया।
अन्य तपस्वियों का बढ़ता क्रम
समारोह के दौरान गंगाशहर में चल रही अन्य कठिन तपस्याओं की जानकारी भी साझा की गई, जिससे क्षेत्र का वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो गया:
- मुनि नमि कुमार जी: आज 33 दिनों की लंबी तपस्या का प्रत्याख्यान (संकल्प) किया।
- सुश्री आंचल बैद: 16 दिवसीय तपस्या का प्रत्याख्यान कर साधना पथ पर आगे बढ़ रही हैं।
अभिनन्दन पत्र और पताका से हुआ तपस्वी का सम्मान
तप के प्रति श्रद्धा प्रकट करते हुए तेरापंथ सभा के साथ सभी संस्थाओं की ओर से नवरतन बोथरा, पवन छाजेड़, जतनलाल संचेती, कमल भंसाली, हनुमान सेठिया, रतन छल्लाणी, किशन बैद, ललित राखेचा व मांगीलाल बोथरा ने साहित्य ओर पताका व अभिनन्दन पत्र से तपस्वी सुरेन्द्र भुरा का सम्मान किया।भुरा परिवार ने सभी तेरापंथी सभा संस्थाओं का आभार व्यक्त किया। आज मुनिश्री नमि कुमार जी ने 33 की तपस्या का प्रत्याख्यान किया।सुश्री आंचल बैद ने 16 दिवस की तपस्या का प्रत्याख्यान किया।








