मनरेगा का नाम बदलने पर कांग्रेस का हल्ला बोल; बेरिकेड्स पर चढ़े कार्यकर्ता


सरकार पर लगाया इतिहास मिटाने का आरोप


बीकानेर, 22 दिसम्बर। केंद्र सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का नाम बदलने के प्रस्ताव के विरोध में सोमवार को बीकानेर की सड़कों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। शहर और देहात कांग्रेस के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेसी नेताओं ने सरकार के इस कदम को गरीबों के रोजगार को खत्म करने की एक गहरी साजिश करार दिया। गांधी पार्क से शुरू हुआ यह विरोध जुलूस नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचा, जहां प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखी झड़प भी देखने को मिली।


दोपहर एक बजे गांधी पार्क में एकत्रित हुए कार्यकर्ताओं का नेतृत्व पूर्व मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने किया। “जब तक सूरज चांद रहेगा, गांधी तेरा नाम रहेगा” जैसे गगनभेदी नारों के साथ कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट की ओर बढ़े। जब पुलिस ने बेरिकेड्स लगाकर रास्ता रोकने का प्रयास किया, तो माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस दौरान देहात अध्यक्ष बिशनाराम सियाग और युवा नेता शब्बीर अहमद जोश में आकर बेरिकेड्स पर चढ़ गए, जिन्हें पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद नीचे उतारा। कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने बाद में जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर नाम बदलने के निर्णय को वापस लेने की मांग की।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष मदनगोपाल मेघवाल और पूर्व मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने सभा को संबोधित करते हुए भाजपा पर तीखे प्रहार किए। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास अपना कोई गिनाने लायक काम नहीं है, इसलिए वे महापुरुषों के नाम से छेड़छाड़ कर योजनाओं को अपना नाम देने की कोशिश कर रहे हैं। पीसीसी सदस्य यशपाल गहलोत और डॉ. राजेंद्र मुंड ने भी चेतावनी दी कि कांग्रेस किसी भी कीमत पर गरीबों के हितों पर कुठाराघात सहन नहीं करेगी। प्रदर्शन में जिया उर रहमान आरिफ, गजेंद्र सिंह सांखला और प्रहलाद सिंह मार्शल सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।








