प्रो. नरसिंह बिनानी की पुस्तक “अक्षर-गुंजन” का लोकार्पण; जापानी विधा ‘हाइकु’ को मिला नया विस्तार


बीकानेर, 22 दिसम्बर। महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के सभागार में सोमवार को साहित्य और संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिला, जहाँ प्रोफेसर नरसिंह बिनानी द्वारा रचित ‘हाइकु’ संग्रह “अक्षर-गुंजन” का भव्य लोकार्पण किया गया। जापानी छंद विधा पर आधारित इस पुस्तक के विमोचन अवसर पर कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने कहा कि कम शब्दों में गहरी अनुभूतियों को समेटने वाली ‘हाइकु’ विधा भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रही है। उन्होंने प्रो. बिनानी के इस प्रयास को साहित्य जगत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।


समारोह के मुख्य अतिथि एवं हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. अन्नाराम शर्मा ने ‘हाइकु’ की संरचना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मात्र 17 अक्षरों (5-7-5) के मेल से बनी यह रचना अपने आप में एक पूर्ण काव्य है। उन्होंने कहा कि संक्षिप्तीकरण के इस दौर में ऐसी विधाएं पाठकों को सीधे प्रभावित करती हैं। स्वागत उद्बोधन में डॉ. प्रोफेसर अजय जोशी ने इस पुस्तक को एक संग्रहणीय दस्तावेज करार दिया, जबकि विशिष्ट अतिथि कमल रंगा ने इसे प्रो. बिनानी की साहित्य यात्रा का एक सशक्त पड़ाव बताया।


लोकार्पण के दौरान साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार और डॉ. शंकरलाल स्वामी ने प्रो. बिनानी की बहुआयामी दृष्टि की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने हिंदी और राजस्थानी दोनों भाषाओं में सृजन कर ‘हाइकु’ विधा को समृद्ध किया है। साहित्यकार बिट्ठल बिस्सा ने बीकानेर के रचनाकारों के बढ़ते प्रभाव पर संतोष व्यक्त किया। स्वयं प्रोफेसर बिनानी ने अपनी रचना प्रक्रिया साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार उन्होंने विभिन्न समसामयिक विषयों को इस लघु छंद में पिरोया है। कार्यक्रम का सफल संचालन इंजीनियर गिरिराज पारीक ने किया।








