मंत्रालयिक कर्मचारियों की पदोन्नति में देरी पर आक्रोश; शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी


बीकानेर, 23 दिसम्बर। शिक्षा विभाग के मंत्रालयिक संवर्ग के अधिकारियों और कर्मचारियों की पदोन्नति (DPC) में हो रही निरंतर देरी को लेकर कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है। शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य ने मंगलवार को शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशक को पृथक-पृथक ज्ञापन भेजकर डीपीसी प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने की पुरजोर मांग की है। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही पदोन्नतियां नहीं की गईं, तो कर्मचारी संगठन उग्र आंदोलन के लिए विवश होंगे।


‘डीपीसी अनुभाग’ की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल
शिक्षा निदेशक को भेजे पत्र में कमल नारायण आचार्य ने विभाग के ‘डीपीसी अनुभाग’ की कार्यप्रणाली पर कड़े सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व में जिन कर्मचारियों को कार्य में ढिलाई और ‘लेट-लतीफी’ के कारण अनुभाग से हटाया गया था, उन्हें पुनः उसी अनुभाग में लगा दिया गया है।


रिव्यू डीपीसी में बाधा: प्रदेशाध्यक्ष ने बताया कि वर्ष 2017-18 की रिव्यू डीपीसी और डिफाल्टर रहे कार्मिकों की पदोन्नति निदेशक स्तर पर होनी थी।
अनावश्यक मार्गदर्शन: आरोप है कि अनुभाग के कर्मचारी जानबूझकर राज्य सरकार को अनावश्यक ‘मार्गदर्शन’ के लिए पत्र लिखकर प्रक्रिया को लटका रहे हैं, जिससे सैकड़ों कर्मचारी अपने परिलाभों से वंचित हो रहे हैं।
शासन सचिव से आगामी तिथि निर्धारित करने की मांग
कमल नारायण आचार्य ने दूसरा पत्र शासन सचिव (स्कूल शिक्षा), जयपुर को प्रेषित किया है। इसमें उन्होंने अवगत कराया कि संस्थापन की डीपीसी के प्रस्ताव 10 अक्टूबर 2025 को ही भेजे जा चुके थे।
दो बार टली तारीख: पूर्व में डीपीसी के लिए दो बार तारीखें तय की गईं, लेकिन राजकार्य की अधिकता का हवाला देते हुए उन्हें निरस्त कर दिया गया।
19 दिसंबर की विफलता: अंतिम बार 19 दिसंबर 2025 की तिथि निर्धारित की गई थी, लेकिन उस दिन भी किन्हीं कारणों से डीपीसी संपन्न नहीं हो सकी।
संगठन की दोटूक चेतावनी
संघ ने प्रशासन से मांग की है कि अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी की समस्त डीपीसी और राज्य सरकार को भेजे गए पत्रों का तत्काल जवाब मंगवाकर पदोन्नति आदेश जारी किए जाएं। आचार्य ने स्पष्ट किया कि यदि प्रशासन ने समय रहते सकारात्मक कदम नहीं उठाए, तो आगामी संगठनात्मक कार्यवाही की समस्त जिम्मेदारी शिक्षा विभाग और प्रशासन की होगी।








