महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह में 1.20 लाख उपाधियाँ और 65 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए


- देश और समाज के कल्याण के लिए शोध करें विद्यार्थी: राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे
- MGSU दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदकों की दौड़ में छात्राओं ने मारी बाजी, 65 में से 56 गोल्ड मेडल बेटियों के नाम।
बीकानेर , 24 दिसंबर। महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय (MGSU) का दसवाँ दीक्षांत समारोह बुधवार को विश्वविद्यालय के संत मीराबाई सभागार में अत्यंत भव्यता के साथ आयोजित किया गया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान के राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री हरिभाऊ बागडे ने युवाओं का आह्वान किया कि वे अपनी शोध (Research) के लिए ऐसे विषयों का चयन करें जिनका लाभ सीधे तौर पर देश और समाज को प्राप्त हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि शोध केवल डिग्री तक सीमित न रहकर विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता में वृद्धि और दीर्घकालीन सकारात्मक प्रभाव डालने वाली होनी चाहिए।


राज्यपाल ने संयमित दिनचर्या के महत्व को बताया और विद्यार्थियों से योग एवं प्राणायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत के युवा अत्यंत प्रतिभाशाली हैं। हमारी बौद्धिक क्षमता का पूरी दुनिया लोहा ने माना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में भारत, विश्व की 12वीं और वर्ष 2014 में में 11वीं बड़ी अर्थवस्था थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरे हैं।


कुलाधिपति श्री बागडे ने अपने संबोधन में भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि देश 2014 की 11वीं अर्थव्यवस्था से छलांग लगाकर आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने विद्यार्थियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हुए ‘एक पेड़ मां के नाम’ लगाने का संदेश दिया और योग व प्राणायाम को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने की सलाह दी। राज्यपाल ने बीकानेर के संस्थापक और दूरद्रष्टा महाराजा गंगा सिंह के योगदान को याद करते हुए उनके सैन्य कौशल और गंगनहर के माध्यम से किए गए रेगिस्तान के कायाकल्प को रेखांकित किया।
समारोह के मुख्य अतिथि, वरिष्ठ पत्रकार एवं शिक्षाविद प्रो. के.जी. सुरेश ने कहा कि शिक्षित युवाओं को समाज को ‘लौटाने’ (Giving back to society) के भाव से कार्य करना चाहिए। विश्वविद्यालय के कुलगुरु आचार्य मनोज दीक्षित ने स्वागत उद्बोधन देते हुए संस्थान की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की और नवाचारों के बारे में जानकारी दी।
उपलब्धियों का विवरण और पदक वितरण: दीक्षांत समारोह में वर्ष 2024 की कुल 1,20,812 उपाधियाँ प्रदान की गईं। इस अवसर पर 46 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि दी गई, जिनमें महिलाओं की संख्या (24) पुरुषों (22) से अधिक रही। शैक्षणिक उत्कृष्टता के क्षेत्र में भी छात्राओं का दबदबा कायम रहा; कुल 65 स्वर्ण पदकों में से 56 पदक छात्राओं ने जीते। विधि संकाय की सुश्री लावण्या शर्मा को कुलाधिपति पदक और सामाजिक विज्ञान संकाय की सुश्री तन्नू को कुलगुरु पदक से नवाजा गया।
समारोह के दौरान राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के ई-फाइलिंग सिस्टम और आधिकारिक कैलेंडर का लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलगुरु, संभागीय आयुक्त विश्राम मीणा, जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि सहित शिक्षा और प्रशासन जगत की प्रमुख हस्तियां उपस्थित रहीं।








