दहेज प्रथा रोकने के लिए अनूठी पहल, 1 रुपए और नारियल से बिना दहेज शादी संपन्न हुई



चूरू, 20 अक्टूबर 2025 . राजस्थान के चूरू जिले में मुस्लिम तेली समाज ने दहेज जैसी सामाजिक कुरीति को जड़ से समाप्त करने की दिशा में एक अनुकरणीय कदम उठाया है। चूरू निवासी पूर्व समाज सदर स्वर्गीय लाल मोहम्मद ठेकेदार के पोते रियाजुद्दीन गौरी के पुत्र एजाज अहमद की शादी चूरू के ही समाजसेवी स्वर्गीय कुरडा चौहान की पौत्री एवं महबूब चौहान की पुत्री आफरीन के साथ बिना किसी दहेज लेन-देन के संपन्न हुई। दुल्हन पक्ष ने वर पक्ष को मात्र 1 रुपया और एक नारियल देकर रस्म निभाई, जो समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ एक मजबूत संदेश देती है।




शादी की रस्में बेहद सादगीपूर्ण तरीके से निभाई गईं। बारात में महिलाओं और पुरुषों सहित कुल 25 व्यक्तियों ने ही शिरकत की, जबकि कोई डीजे, बैंड-बाजा या फिजूलखर्ची का आयोजन नहीं किया गया। बारात रात 12:30 बजे मंडप पहुंची और खाने से पहले ही निकाह संपन्न हो गया। यह तेली समाज की चूरू इकाई में पहली ऐसी शादी है, जो पूरी तरह दहेज मुक्त रही और सादगी का प्रतीक बनी।
इससे पूर्व भी स्वर्गीय लाल मोहम्मद ठेकेदार के पौते फय्याज गौरी की शादी में इसी तरह 1 रुपया और नारियल लेकर दहेज प्रथा के खिलाफ मिसाल पेश की गई थी। उस पहल का असर अब समाज के अन्य सदस्यों पर दिख रहा है, जो इस सकारात्मक बदलाव को अपना रहे हैं। दोनों परिवारों ने मिलकर न केवल दहेज लेना-देना वर्जित किया, बल्कि समाज को नई दिशा दिखाई है।



समाज के लोगों ने इस प्रयास की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि दहेज, बाल विवाह जैसी कुरीतियां समाज को गलत दिशा में ले जा रही हैं, और इन्हें जड़ से मिटाने की जरूरत है। एक सदस्य ने कहा, “दोनों पक्षों की इस पहल से समाज में जागृति आएगी। हमें रिश्तेदारों और समुदाय को भी दहेज मुक्त विवाह के लिए प्रेरित करना चाहिए।” सभी ने आह्वान किया कि ऐसी सादगीपूर्ण शादियां सामूहिक स्तर पर अपनाई जाएं, ताकि आर्थिक बोझ कम हो और सामाजिक समरसता बढ़े।
यह पहल राजस्थान के चूरू जैसे क्षेत्रों में दहेज उन्मूलन अभियान को मजबूती देगी, जहां बाल विवाह मुक्त गांव बनाने जैसे प्रयास पहले से चल रहे हैं। समाजसेवी संगठनों ने इसे अनुकरणीय बताते हुए अन्य समुदायों से भी समर्थन की अपेक्षा जताई है।

