बीकानेर में खतरगच्छ संघ की गतिविधियां: ‘जीओ और जीने दो’ का संदेश, तपस्वियों का अभिनंदन और दीक्षा समारोह



बीकानेर, 9 अगस्त। बीकानेर में जैन धर्म से संबंधित कई महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन और प्रवचन हुए, जिनमें ‘जीओ और जीने दो’ के सिद्धांत को आत्मसात करने, तपस्वियों का सम्मान करने और दीक्षा समारोह शामिल रहे।
ढढ्ढा कोटड़ी में बालक लक्षित लोढ़ा का अभिनंदन
गणिवर्य श्री मेहुल प्रभ सागर म.सा., मंथन प्रभ सागर, बाल मुनि मीत प्रभ सागर, साध्वी दीपमाला श्रीजी और शंखनिधि के सान्निध्य में शनिवार को ढढ्ढा कोटड़ी में 10 वर्षीय बालक लक्षित लोढ़ा का 8 दिन (अट्ठाई) तपस्या पूर्ण करने पर अभिनंदन किया गया। रविवार को दोपहर ढढ्ढा कोटड़ी में बालक-बालिकाओं के लिए एक विशेष शिविर आयोजित किया जाएगा।




आगामी तपस्याएं: अक्षय निधि तप 12 अगस्त को शुरू होगा, जबकि ‘दादा दत्त सूरी’ तप का समापन 15 अगस्त को होगा और तपस्वियों का अभिनंदन 17 अगस्त को किया जाएगा।


आयोजन सहयोग: श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट और अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद की बीकानेर इकाई ने सकल श्रीसंघ के सहयोग से चातुर्मास का आयोजन किया।
तपस्वियों का अभिनंदन: तपस्वी बालक लक्षित लोढ़ा का अभिनंदन वरिष्ठ श्रावक महेंद्र बरड़िया और उदयरामसर के नरेश भंडारी ने किया।
तपस्याएं पूर्ण: अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद बीकानेर इकाई के उपाध्यक्ष कमल सेठिया ने बताया कि ‘दादा दत्त सूरी’ तप के 60 तपस्वियों ने 36 उपवास और 7 पारणे पूरे किए हैं। वहीं, सिद्धि तप की तपस्वी श्रीमती किरण देवी बुच्चा और कोमल नाहटा ने एक उपवास पारणा से लेकर छह उपवास पारणा तक की लड़ी की तपस्या पूर्ण की है। सिद्धि तप की अन्य श्राविकाएं आठ दिन की लड़ी की तपस्या पूर्ण करेंगी।
‘जीओ और जीने दो’ के सिद्धांत को आत्मसात करने का संदेश
गणिवर्य श्री मेहुल प्रभ सागर म.सा. ने शनिवार को ढढ्ढा कोटड़ी में प्रवचन देते हुए कहा कि श्रमण भगवान महावीर के जीव मात्र के कल्याणकारी संदेश “जीओ और जीने दो” को सभी को आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने रक्षा बंधन के दिन प्राणीमात्र की रक्षा का संकल्प लेने का आह्वान किया।उन्होंने आगे कहा कि देव, गुरु और धर्म, राष्ट्र, संघ और समाज की रक्षा अंतर्मन से दृढ़ निश्चय के साथ करनी चाहिए। सभी जीवों के प्रति स्नेह, वात्सल्य और करुणा का भाव रखना चाहिए। दूसरों के आत्म विकास, धार्मिक व आध्यात्मिक क्रियाओं, साधना, आराधना और भक्ति में सहयोगी बनने का संदेश भी उन्होंने दिया। गणिवर्य ने जैन शासन और श्रमण भगवान के आदर्शों के अनुसार जीवन बनाने तथा वीरता के साथ जैन धर्म की परंपराओं और विशिष्टताओं की रक्षा करने पर जोर दिया।
बच्चों का शिविर और रक्षा बंधन उत्सव में भागीदारी
बच्चों का शिविर: गणिवर्य श्री मेहुल प्रभ सागर और साध्वीश्री दीपमाला आदिठाणा के सान्निध्य में रविवार दोपहर 2 बजे से शाम 4 बजे तक ढढ्ढा कोटड़ी में बालक-बालिकाओं का एक शिविर आयोजित किया जाएगा।
रक्षा बंधन उत्सव: गणिवर्य श्री मेहुल प्रभ सागर म.सा. रविवार शाम 5 से 6 बजे तक बेगानी, कोठारी मोहल्ले में स्थित नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय भंवर लाल कोठारी निवास परिसर में चल रही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखा के रक्षा बंधन उत्सव में निश्रा प्रदान करेंगे।
गंगाशहर के गोल मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ मंदिर की प्रतिष्ठा का मुहूर्त रविवार
बीकानेर के गंगाशहर स्थित जीर्णोद्धार के बाद नव निर्मित भगवान पार्श्वनाथ मंदिर की अंजनशलाका प्रतिष्ठा का मुहूर्त आज रविवार को खरतरगच्छाचार्य जिन मणिप्रभ सूरीश्वरजी द्वारा बाड़मेर में उनके चातुर्मास स्थल पर दिया जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल बाड़मेर रवाना: मुहूर्त लेने के लिए भगवान पार्श्वनाथ जीर्णोद्धार मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष धनपत सिंह बांठिया के नेतृत्व में श्रावक-श्राविकाओं का एक दल शनिवार को विभिन्न वाहनों और दो बसों में बाड़मेर के लिए प्रस्थान किया।
मंदिर का इतिहास: धनपत सिंह बांठिया ने बताया कि करीब 51 फीट ऊंचे इस भगवान पार्श्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य 2022 में खरतरगच्छाधिपति जिन मणि प्रभ सागर सूरीश्वरजी की प्रेरणा से शुरू किया गया था। यह करीब 108 वर्ष पुराना गोल मंदिर है, जिसका मूल निर्माण फौजराज बांठिया परिवार ने करवाया था। मंदिर की प्रारंभिक प्रतिष्ठा आचार्य जिन सौभाग्य सूरी महाराज ने करवाई थी।
विशेष पहचान: बांठिया ने यह भी बताया कि मंदिर की ध्वजा लक्ष्मीनाथ घाटी के पांच शताब्दी से अधिक प्राचीन भांडाशाह जैन मंदिर से भी दिखाई देगी, जो इसकी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को बढ़ाएगा। इन आयोजनों से बीकानेर और आसपास के क्षेत्रों में जैन धर्म के प्रति आस्था और उत्साह का माहौल बना हुआ है।