दिल्ली के बाद अब बेंगलुरु के 40 स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, मचा हड़कंप

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बेंगलुरु, 18 जुलाई। देश की राजधानी दिल्ली के स्कूलों को लगातार मिल रही बम की धमकियों के बीच अब बेंगलुरु के स्कूलों को भी निशाना बनाया गया है। शुक्रवार को दिल्ली के लगभग 20 स्कूलों को धमकी भरे ई-मेल मिले, जिससे लोगों में डर का माहौल है। वहीं, बेंगलुरु के भी कम से कम 40 स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं और जांच में जुट गई हैं।                                                            दिल्ली में भी जारी है धमकियों का सिलसिला
दिल्ली में पश्चिम विहार स्थित रिचमंड ग्लोबल स्कूल, रोहिणी सेक्टर-3 के अभिनव पब्लिक स्कूल और रोहिणी सेक्टर-24 के सावरन स्कूल को भी इसी तरह के धमकी भरे ई-मेल भेजे गए हैं। सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल विभाग की टीमें तुरंत मौके पर पहुँचीं। अभिनव पब्लिक स्कूल को सुबह 8 बजे और सावरन स्कूल को सुबह 8:16 बजे धमकी की जानकारी मिली थी। सभी स्कूलों को खाली करा लिया गया है और व्यापक तलाशी अभियान जारी है।

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बेंगलुरु के 40 स्कूलों में दहशत
दिल्ली के अलावा, शुक्रवार को बेंगलुरु के कम से कम 40 स्कूलों को भी बम से उड़ाने की धमकी मिली। बेंगलुरु के सभी प्रभावित स्कूलों में पुलिस टीमों ने तुरंत तलाशी शुरू कर दी है और मामले की जाँच जारी है। सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि इन धमकियों के पीछे कौन है और क्या ये धमकियाँ आपस में जुड़ी हुई हैं।

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बम की धमकी देना गंभीर अपराध
इन दिनों देशभर में कई स्कूलों को बार-बार बम से उड़ाने की धमकियाँ मिल रही हैं। यह केवल एक सुरक्षा खतरा नहीं है, बल्कि भारतीय कानून के तहत एक गंभीर अपराध भी है। मिंट (Mint) में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी को बम जैसी खतरनाक चीज़ की धमकी देता है, तो इसे गंभीर अपराध माना जाता है। इसके लिए 2 से 7 साल तक की जेल हो सकती है, और साथ में जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यदि धमकी का संबंध आतंकवाद से है, जिसका मकसद देश में डर, दहशत या अशांति फैलाना है, तो मामला और भी गंभीर हो जाता है। ऐसे मामलों में BNS की धारा 113(5) के तहत कार्रवाई होती है, जिसमें आरोपी को आजीवन कारावास और भारी जुर्माने की सज़ा दी जा सकती है। इसलिए, स्कूलों या किसी भी सार्वजनिक जगह को बम से उड़ाने की धमकी देना सिर्फ मज़ाक नहीं, बल्कि एक गंभीर अपराध है, जिसके लिए सख़्त सज़ा का प्रावधान है।

यह घटनाएँ सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती पेश कर रही हैं। इन धमकियों के पीछे का मकसद क्या है और कौन इन्हें अंजाम दे रहा है, यह जांच का विषय है।

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