38 दिन के चौविहार उपवास करने वाले तपस्वी कन्हैयालाल भुगड़ी के तप की अनुमोदना

Ganivarya Mehul Prabh Sagar
shreecreates
quicjZaps 15 sept 2025

बीकानेर, 3 अगस्त। गणिवर्य श्री मेहुल प्रभ सागर , मंथन प्रभ सागर, बाल मुनि मीत प्रभ सागर, साध्वी दीपमाला श्रीजी व शंखनिधि के साथ चतुर्विद संघ (साधु-साध्वी, श्रावक-श्राविका) ने रविवार को 38 दिन से चौविहार उपवास (बिना अन्न-जल) कर रहे वरिष्ठ श्रावक कन्हैयालाल भुगड़ी की तपस्या की अनुमोदन की।

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दृढ़ आत्मबल और नियमित दिनचर्या
गणिवर्य श्री मेहुल प्रभ सागर ने कहा कि दृढ़ आत्मबल, मनोबल और देव, गुरु व धर्म के प्रति समर्पण से ही बिना अन्न-जल के ऐसी तपस्या की जा सकती है। तपस्वी कन्हैयालाल भुगड़ी ने बताया कि वे तपस्या के साथ अपनी नियमित दिनचर्या का भी पालन कर रहे हैं। वे मंदिर दर्शन वंदन करने, दूध लाने और बच्चों को स्कूल छोड़ने जैसे घरेलू कार्य कर रहे हैं। इसके साथ ही, वे सार्दुल गंज और लाभूजी कटला में स्थित अपनी दुकान पर भी नियमित जा रहे हैं और प्रवचन सुनने का लाभ भी नियमित रूप से ले रहे हैं।

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तपस्या का प्रेरणा स्रोत और पूर्व अनुभव
चौसठ वर्षीय भुगड़ी ने बताया कि उन्हें इस तपस्या की प्रेरणा अपनी माताजी केसर देवी से मिली, जिन्होंने एक वर्ष में तीन उपधान तप किए थे। उन्होंने यह भी बताया कि वे पहले भी 8, 15, 16, 25 दिन और वर्ष 2024 में 31 दिन की तपस्या कर चुके हैं। भुगड़ी ने बताया कि ऐसी तपस्या के पूर्व वर्ष भर अभ्यास करना पड़ता है। उन्होंने चिकित्सकों से अपनी जांच भी करवाई थी और बताया कि देव, गुरु व धर्म के आशीर्वाद से वे पूर्णतः स्वस्थ हैं।

भीखाराम चान्दमल 15 अक्टूबर 2025
mmtc 2 oct 2025

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