छोटे दुकानदारों को बड़ी राहत: ‘मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना’ के तहत सरकार देगी ₹1 लाख की मदद


शिमला, 21 दिसम्बर। हिमाचल प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में आर्थिक तंगी की मार झेल रहे छोटे दुकानदारों के लिए सुक्खू सरकार ने बड़ी राहत का पिटारा खोल दिया है। सरकार ने ‘मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना’ की आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है, जिसके तहत कर्ज के बोझ तले दबे कारोबारियों को बैंक ऋण चुकाने के लिए एक लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी। इस कदम का मुख्य उद्देश्य उन छोटे व्यापारियों को फिर से पैरों पर खड़ा करना है, जिनके बैंक खाते ऋण न चुका पाने के कारण ‘नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स’ (NPA) घोषित हो चुके हैं।


एक लाख रुपये तक का भुगतान करेगी सरकार


सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस के अनुसार, यह लाभ उन शहरी दुकानदारों को मिलेगा जिन्होंने अप्रैल 2020 से मार्च 2025 के बीच 10 लाख रुपये तक का व्यापारिक ऋण लिया था। योजना के तहत, सरकार वन टाइम सेटलमेंट (OTS) के माध्यम से अधिकतम एक लाख रुपये का भुगतान सीधे बैंकों को करेगी। यदि बकाया राशि एक लाख रुपये से अधिक है, तो शेष राशि का भुगतान स्वयं लाभार्थी को करना होगा। हालांकि, जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाले (Wilful Defaulters) या धोखाधड़ी के मामलों को इस योजना के दायरे से बाहर रखा गया है।
पात्रता और आवेदन की शर्तें
इस योजना के लाभार्थियों में समाज के सबसे निचले पायदान पर कार्य करने वाले छोटे उद्यमी शामिल हैं। इसमें मोची, दर्जी, मोबाइल रिपेयरिंग शॉप चलाने वाले, गैरेज मालिक, चाय की दुकान, ढाबा, किराना स्टोर, नाई और सड़क किनारे फल-सब्जी बेचने वाले रेहड़ी-फड़ी विक्रेताओं को प्राथमिकता दी जाएगी। पात्र होने के लिए दुकानदार का वार्षिक टर्नओवर 10 लाख रुपये से कम होना अनिवार्य है।
योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है। इच्छुक दुकानदार शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे। आवेदन के साथ हिमाचल का निवास प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, बैंक खाते का विवरण और 10 लाख से कम टर्नओवर का प्रमाण देना होगा। योजना की कड़ी निगरानी के लिए राज्य, जिला और नगर निकाय स्तर पर विशेष समितियों का गठन किया गया है और जल्द ही इसके लिए एक एकीकृत आईटी पोर्टल भी शुरू किया जाएगा।








