बीकानेर रेलवे स्टेशन का 471 करोड़ रुपये की लागत से होगा कायाकल्प



अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत बनेगा अत्याधुनिक हब बीकानेर, 20 जुलाई। अपनी ऐतिहासिक विरासत और स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध बीकानेर शहर अब रेलवे कनेक्टिविटी के मामले में भी आधुनिक और सुविधाजनक बनने जा रहा है। ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत बीकानेर रेलवे स्टेशन का 471 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्विकास कार्य तेजी से चल रहा है, जिससे यह शहर रेलवे के लिहाज से एक नया आधुनिक केंद्र बन जाएगा।
आधुनिक नौ मंजिला भवन और यात्री सुविधाएं
उत्तर पश्चिम रेलवे के अनुसार, स्टेशन के दोनों प्रमुख प्रवेश द्वारों पर नई बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया जा रहा है। मुख्य प्रवेश पर 26,000 वर्ग मीटर और द्वितीय प्रवेश पर 17,000 वर्ग मीटर में नौ मंजिला भवन तैयार किए जा रहे हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशन पर 36 मीटर चौड़ा एयर कॉनकोर्स बनाया जाएगा, जो सभी प्लेटफॉर्म को दोनों छोर की इमारतों से जोड़ेगा। इस क्षेत्र में आधुनिक कैफेटेरिया, फूड कोर्ट, शॉपिंग जोन, पर्यटक सहायता केंद्र और एग्जीक्यूटिव लाउंज जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी। यात्रियों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए कुल 41 लिफ्ट, 24 एस्केलेटर और दो नए फुट ओवर ब्रिज भी बनाए जा रहे हैं।




दिव्यांगजनों के लिए विशेष प्रावधान और हरित पहल
स्टेशन परिसर में दिव्यांगजनों के लिए विशेष सुविधाएं जैसे संकेतक, विशेष शौचालय, रैंप और कोच गाइडेंस सिस्टम भी शामिल किए जा रहे हैं। सुरक्षा के लिए बैगेज स्कैनर, मेटल डिटेक्टर और सीसीटीवी निगरानी की भी व्यवस्था होगी।
पर्यावरण के प्रति सजग रहते हुए स्टेशन को ‘ग्रीन बिल्डिंग’ की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। इसमें 1,200 केवीए क्षमता के सोलर पैनल, वर्षा जल संचयन, कचरा प्रबंधन और अग्निशमन प्रणाली जैसी आधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी। यह पुनर्विकास बीकानेर को न सिर्फ यात्रा का एक आधुनिक केंद्र बनाएगा, बल्कि शहर की छवि को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।


क्या है अमृत भारत स्टेशन योजना?
अमृत भारत स्टेशन योजना केंद्र सरकार द्वारा संचालित एक प्रमुख रेलवे स्कीम है, जिसका उद्देश्य देशभर के रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास करना है। इस योजना के तहत स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से लैस कर यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाना है। इस योजना के तहत कुल 1275 स्टेशनों को पुनर्विकसित किया जाना है। यह योजना ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्टार्टअप इंडिया’ और ‘सागरमाला’ जैसी पहलों के अधीन है।