बीकानेर में ब्लड स्टेम सेल डोनर रजिस्ट्रेशन शिविर 7 और 8 अगस्त को



महावीर इंटरनेशनल की ‘जीवनदायिनी’ पहल




बीकानेर, 5 अगस्त। महावीर इंटरनेशनल बीकानेर, गंगाशहर, वीरा केंद्र बीकाणा और गंगाना के संयुक्त तत्वावधान में एक महत्वपूर्ण ब्लड स्टेम सेल डोनर रजिस्ट्रेशन शिविर का आयोजन किया जा रहा है। यह जीवनरक्षक पहल 7 और 8 अगस्त, 2025 को विभिन्न स्थानों पर होगी, जिसका उद्देश्य जानलेवा रक्त रोगों से जूझ रहे मरीजों के लिए जीवनदाता खोजना है। शिविर का विवरण और उद्देश्य– कार्यक्रम प्रभारी वीरा डॉ. आशु मलिक ने बताया कि यह शिविर:7 अगस्त 2025 (गुरुवार) को प्रातः स्वामी केशवानंद कृषि विश्वविद्यालय में, और सायंकाल हंसा गेस्ट हाउस, नोखा रोड, गंगाशहर में आयोजित होगा। 8 अगस्त 2025 को राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (राजुवास) में आयोजित किया जाएगा।
डॉ. मलिक ने बताया कि भारत में प्रतिदिन लगभग 40 लोग थैलेसीमिया, सिकल सेल डिज़ीज, ब्लड कैंसर और एप्लास्टिक एनीमिया जैसे गंभीर रक्त रोगों से ग्रसित पाए जाते हैं। इनमें से अधिकांश को परिवार में उपयुक्त डोनर नहीं मिल पाता, ऐसे में अनरिलेटेड ब्लड स्टेम सेल डोनर ही एकमात्र जीवनदायी विकल्प होते हैं।


विशेषज्ञ देंगे जानकारी और साझा करेंगे अनुभव
शिविर में डॉ. पंकज टांटिया, सहायक आचार्य, ऑन्कोलॉजी विभाग, पीबीएम अस्पताल, बीकानेर, बोन मैरो ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया और इसकी उपलब्धता के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे। जयपुर से आईं उर्मिला जी, सीनियर एसोसिएट व काउंसलिंग मैनेजमेंट, अपने अनुभव साझा करेंगी कि कैसे ब्लड स्टेम सेल डोनेशन से कई जिंदगियां बदली गई हैं। वे डोनर और रिसीपिएंट दोनों की भावुक और प्रेरणादायी कहानियाँ प्रस्तुत करेंगी, जो लोगों को इस नेक कार्य से जुड़ने के लिए प्रेरित करेंगी।
कैसे बनें ‘जीवनदाता’?
यह अभियान महावीर इंटरनेशनल बीकानेर व गंगाशहर की चारों इकाइयों — वीर नरेंद्र सुराणा, वीर टोडर मल चोपड़ा, वीरा श्रुति बोथरा, वीरा रक्षा बोथरा — के सक्रिय सहयोग से आयोजित किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को प्रेरित किया जा सके। कोई भी पुरुष या महिला, जिनकी आयु 18 से 50 वर्ष के बीच है, इस अभियान में पंजीकरण कर ब्लड स्टेम सेल डोनर बन सकते हैं। पंजीकरण के लिए रक्त की आवश्यकता नहीं है; सिर्फ गाल की लार (बकल स्वैब) का सैंपल लिया जाएगा। डॉ. आशु मलिक, को-डायरेक्टर, मेडिकल एंड हेल्थ, महावीर इंटरनेशनल एपेक्स, ने बताया कि “10,000 से लेकर एक करोड़ व्यक्तियों में एक व्यक्ति का मिलान होने” की संभावना पर आधारित यह कार्य एक जरूरतमंद को जीवन देने जैसा है।
यह एक ऐसा जीवन रक्षक अभियान है, जिसकी जानकारी अभी भी बहुत कम लोगों को है। यदि कोई स्वयं दान नहीं कर सकता, तो इस नेक कार्य की जानकारी फैलाकर भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। सभी जागरूक व्यक्तियों से निवेदन है कि हंशा गेस्ट हाउस में हो रहे खुले कार्यक्रम में हर इच्छुक व्यक्ति सम्मिलित होकर अपनी शंकाओं का समाधान कर सकता है और अपना रजिस्ट्रेशन करवा कर डोनर वॉलंटियर बन सकता है।
“जीवन दो, उम्मीद दो!” – इस नारे के साथ यह अभियान अधिक से अधिक लोगों को इस पुनीत कार्य से जुड़ने का आह्वान कर रहा है।