नशे की दलदल में फंसते युवाओं पर अदालत की गहरी चिंता, बीकानेर NDPS कोर्ट ने गंगाशहर युवक कि जमानत अर्जी खारिज की


बीकानेर, 19 दिसम्बर। बीकानेर में पैर पसारते अवैध मादक पदार्थों के कारोबार और इसमें स्थानीय युवाओं की बढ़ती संलिप्तता ने न्यायपालिका को गंभीर चिंता में डाल दिया है। बीकानेर की NDPS कोर्ट ने तस्करी के एक मामले में आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कड़ा संदेश दिया है कि युवाओं का इस तरह के अपराधों में शामिल होना समाज के लिए घातक संकेत है।


“नौजवानों का तस्करी में शामिल होना चिंताजनक” – विशिष्ट न्यायाधीश
NDPS कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश अनुभव सिडाना ने गंगाशहर क्षेत्र के आरोपी फरमान खोखर की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए समाज में बढ़ते नशे के व्यापार पर तीखी टिप्पणी की। अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से लिखा कि “आजकल इस क्षेत्र में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी और खरीद-फरोख्त के मामलों में दिनों-दिन बढ़ोतरी हो रही है। सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि नौजवान युवक इन आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो रहे हैं। अपराध की गंभीरता और आरोपी के रिकॉर्ड को देखते हुए जमानत का लाभ देना न्यायोचित नहीं है।”


क्या था मामला? (अगस्त की घटना)
यह मामला 8 अगस्त 2025 का है, जब गंगाशहर पुलिस ने भीनासर नाके के पास से तीन संदिग्धों—फरमान खोखर, गणेश उर्फ विजय बारुपा और सदीक खान को पकड़ा था। जांच के दौरान इनके पास मौजूद पीठू बैग से भारी मात्रा में डोडा पोस्त बरामद हुआ था। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जिसके बाद फरमान ने जमानत के लिए अर्जी लगाई थी।
₹5 करोड़ की फिरौती मांगने वाले आरोपी को भी राहत नहीं
अदालत ने केवल नशे के मामले में ही नहीं, बल्कि संगीन अपराधों पर भी कड़ा रुख अपनाया है। धनपत चायल और सुखदेव चायल के घर पर फायरिंग कर रोहित गोदारा के नाम पर 5 करोड़ रुपये की फिरौती मांगने के आरोपी शिव सिंह भलूरी की जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई है। न्यायालय ने इस प्रकरण को समाज की शांति और सुरक्षा के लिए बेहद गंभीर माना। इन दोनों ही मामलों में सरकार की ओर से लोक अभियोजक एडवोकेट हरीश भट्टड़ ने प्रभावी पैरवी की।








