सीपी राधाकृष्णन बने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति, 152 वोटों से हराया सुदर्शन रेड्डी को



नई दिल्ली, 9 सितंबर। एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को भारत का 15वां उपराष्ट्रपति चुना गया है। उन्होंने मंगलवार को हुए चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी, ‘इंडिया’ गठबंधन के प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों के बड़े अंतर से हराया।
यह चुनाव निवर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने के बाद हुआ, जिनका कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था।
मतदान के आंकड़े और चुनावी समीकरण
उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 781 सांसदों को मतदान करना था, जिनमें से 767 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इनमें से 15 वोट अमान्य घोषित किए गए।
सीपी राधाकृष्णन (एनडीए): 452 वोट, सुदर्शन रेड्डी (‘इंडिया’ गठबंधन): 300 वोट । इस चुनाव में कुछ प्रमुख पार्टियों ने मतदान से दूरी बनाए रखी, जिनमें बीआरएस (BRS) और बीजेडी (BJD) शामिल हैं। शिरोमणि अकाली दल के एकमात्र लोकसभा सांसद ने पंजाब में बाढ़ के कारण वोट नहीं डाला। हालांकि कांग्रेस ने दावा किया था कि गठबंधन के 315 सांसद मतदान करेंगे, लेकिन सुदर्शन रेड्डी को उससे 15 वोट कम मिले। वहीं, कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पिछली बार की तुलना में इस बार 14% ज्यादा वोट हासिल हुए हैं।




सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर
20 अक्तूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे सीपी राधाकृष्णन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया। 1974 में वह भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने।


सांसद और संसदीय भूमिका: 1996 में बीजेपी के तमिलनाडु सचिव नियुक्त होने के बाद, वह कोयंबटूर से लोकसभा सांसद बने। सांसद के रूप में उन्होंने संसदीय स्थायी समिति (कपड़ा मंत्रालय) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वे 2004 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने वाले भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का भी हिस्सा थे।
अन्य प्रमुख पद: 2016 से 2020 तक, उन्होंने कोच्चि स्थित कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में काम किया, जहाँ उनके नेतृत्व में नारियल रेशा का निर्यात रिकॉर्ड ₹2532 करोड़ तक पहुँच गया। 2020 से 2022 तक, वे बीजेपी के केरल प्रभारी भी रहे।