बीकानेर में ‘दादा दत्त सूरी’ तप शुरू, ‘सिद्धि तप’ बुधवार से


गणिवर्य श्री मेहुल प्रभ सागर ने ‘समय के मूल्य को पहचानने’ का संदेश दिया




बीकानेर, 15 जुलाई। गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिन मणि प्रभ सूरीश्वरजी महाराज के आज्ञानुवर्ती गणिवर्य श्री मेहुल प्रभ सागर ., मंथन प्रभ सागर, बाल मुनि मीत प्रभ सागर, और बीकानेर की साध्वी दीपमाला श्रीजी व शंखनिधि के सान्निध्य में मंगलवार को दादा गुरुदेव की स्तुति वंदना के साथ एक माह का ‘दादा दत्त सूरी’ तप शुरू हो गया। मुनि व साध्वीवृंद के सान्निध्य में बुधवार से ‘सिद्धि तप’ का भी आरंभ होगा। प्रवचन स्थल में परिवर्तन और पूजन
वर्षा के कारण मंगलवार को ढढ्ढा कोटड़ी में प्रवचन नहीं हो सका, जिसके बजाय यह डागा सेठिया पारख मोहल्ले के महावीर भवन में आयोजित हुआ। मुनिवृंद के सान्निध्य में लाभार्थी सुश्रावक गुलाबचंद, फतेहचंद, शर्मिला खजांची परिवार, अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद की बीकानेर इकाई के अध्यक्ष अनिल सुराणा, और ‘दादा दत्त सूरी’ तप का संकल्प लेने वाले श्रावक-श्राविकाओं ने गुरुदेव की प्रतिमा का वंदन-पूजन किया। दादा गुरुदेव की प्रतिमा को बुधवार सुबह पौने नौ बजे महावीर भवन से गाजे-बाजे के साथ ढढ्ढा कोटड़ी में ले जाकर स्थापित किया जाएगा। ढढ्ढा कोटड़ी में लाभार्थी परिवार को मूर्ति के प्रवेश, विराजमान, प्रथम वासक्षेप पूजा व पुष्प पूजा के बाद स्थापना करवाई जाएगी।


तप का स्वरूप और समापन
अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद की बीकानेर इकाई के उपाध्यक्ष कमल सेठिया ने बताया कि ‘दादा दत्त सूरी’ तप के दौरान साधक एक दिन (एकांतर) उपवास करेंगे और एक दिन ‘बियासणा’ (दोनों वक्त भोजन) रहेगा। तपस्वियों तथा बाहर से आने वाले यात्रियों के आहार की व्यवस्था चातुर्मास के दौरान महावीर भवन में उदासर के किशन लाल, सौभाग्यती देवी कोठारी परिवार ने की है। सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट व अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद की बीकानेर इकाई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित चातुर्मास के दौरान खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिन मणि प्रभ सूरीश्वरजी. की प्रेरणा से बीकानेर में पहली बार ‘दादा दत्त सूरी’ तप किया जा रहा है। संगठन सचिव विक्रम भुगड़ी ने बताया कि तप का समापन 15 अगस्त को होगा। तपस्वियों को नियमित रूप से ‘ऊं हृं श्रीं जिनदत्त सूरि सद्गुरुभ्यो हृं नमः’ की 9 माला फेरनी होगी तथा नौ बार दादा गुरुदेव के इकतीसे का पाठ, 9 लोग्स्स का कायोत्सर्ग, 9 स्वास्तिक, 9 खमासणा पदक्षिणा के साथ (पद-दादा दत्त नमो सदा, चादर का अभिषेक। चमत्कार गुरुदव का, वंदन वार अनेक) के साथ देव वंदन करना होगा।
समय के मूल्य को पहचानें: गणिवर्य मेहुलप्रभ सागर
गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर म.सा. ने मंगलवार को महावीर भवन में अपने प्रवचन में कहा कि समय के मूल्य को पहचानें तथा मोबाइल और व्यर्थ के कार्यों में वक्त बर्बाद न करें। उन्होंने अपने बच्चों को भी मोबाइल के नुकसान व दुरुपयोग से होने वाली मानसिक, शारीरिक तथा समय की क्षति के बारे में बताने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि स्वयं सुकृत कार्य करें तथा बच्चों को भी अच्छे कार्य करने की प्रेरणा दें। गणिवर्य ने चिंता व्यक्त की कि मोबाइल, बच्चों, गृहिणियों ही नहीं, सभी आयु वर्ग के लोगों के जीवन की दशा व दिशा को भटका रहा है। यह ध्यान, साधना, आराधना, देव, गुरु व धर्म की भक्ति, स्वस्थ चिंतन, मनन व सकारात्मक सोच से, तथा शारीरिक व्यायाम से दूर कर बड़ा अनर्थ कर रहा है। उन्होंने लोगों से मोबाइल का सदुपयोग करने और इससे होने वाले नुकसान से स्वयं बचने तथा आने वाली पीढ़ी को बचाने का आह्वान किया।