धर्मेंद्र का निधन: हिंदी सिनेमा के ‘ही-मैन’ ने दुनिया को कहा अलविदा

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quicjZaps 15 sept 2025

मुंबई, 24 नवंबर 2025: भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और बीकानेर से पूर्व लोकसभा सांसद धर्मेंद्र (धर्मेंद्र देओल) का सोमवार को 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहे धर्मेंद्र ने मुंबई के जुहू स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर ने न केवल बॉलीवुड जगत बल्कि पूरे देश में शोक की लहर दौड़ा दी है। 8 दिसंबर 1935 को लुधियाना (पंजाब) में जन्मे धर्मेंद्र अपने 90वें जन्मदिन से महज दो सप्ताह पहले इस दुनिया से विदा हो गए।

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निधन की वजह और अंतिम दिनों का सफर
धर्मेंद्र पिछले कई महीनों से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। अक्टूबर 2025 के अंत में उन्हें सांस लेने में तकलीफ के कारण मुंबई के प्रतिष्ठित ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां 11 दिनों तक आईसीयू में वेंटिलेटर पर रहे, जिस दौरान उनकी मौत की अफवाहें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। परिवार ने इन अफवाहों को सिरे से खारिज किया था, और 12 नवंबर को उन्हें डिस्चार्ज कर घर ले आया गया। घर पर ही उनका इलाज जारी था, लेकिन उनकी हालत लगातार बिगड़ती गई। न्यूज एजेंसी IANS के अनुसार, सोमवार सुबह उनका निधन हो गया।

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आज ही सुबह, उनके घर के बाहर एक एंबुलेंस देखी गई, जिसके बाद फैंस और करीबियों में हड़कंप मच गया। आधिकारिक बयान का इंतजार करते हुए पूरे बॉलीवुड में सन्नाटा छा गया।

अंतिम संस्कार: बॉलीवुड सितारों ने दी विदाई
धर्मेंद्र का अंतिम संस्कार मुंबई के विले पार्ले स्थित पवन हंस श्मशान घाट पर शाम को किया गया। उनके बेटे सनी देओल ने मुखाग्नि दी। श्मशान घाट पर पहुंचे बॉलीवुड के दिग्गजों में अमिताभ बच्चन, आमिर खान, करण जौहर, आशा पारेख, मौसमी चटर्जी, सलीम खान, रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण, अजय देवगन और हेमा मालिनी (दूसरी पत्नी) समेत पूरा देओल परिवार शामिल था। हेमा मालिनी को लड़खड़ाते कदमों से श्मशान पहुंचते देखा गया, जबकि ईशा देओल और अन्य परिजन भी भावुक नजर आए।

श्रद्धांजलि: एक युग का अंत
धर्मेंद्र के निधन पर पूरे देश के नामी-गिरामी हस्तियों ने शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, “धर्मेंद्र जी भारतीय सिनेमा के एक लीजेंड थे। उनके सहज अभिनय और जीवटता ने करोड़ों दिलों को छुआ। उनके निधन से एक युग का अंत हो गया।” लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी उन्हें याद करते हुए लिखा, “वे जीवटता की मिसाल थे। बीकानेर से सांसद के रूप में भी उन्होंने योगदान दिया।”

बॉलीवुड से करण जौहर ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया, “यह एक युग का अंत है… अभी ना जाओ छोड़के, के दिल अभी भरा नहीं।” आशा पारेख ने उन्हें “वह फूल जो कभी नहीं मुर्झाता” कहा, जबकि मौसमी चटर्जी ने उनके साथ की यादें साझा कीं। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने लिखा, “उनका सादगी भरा आकर्षक व्यक्तित्व हमेशा याद रहेगा।”

सोशल मीडिया पर फैंस की बाढ़ आ गई। #RIPDharmendra और #HeMan ट्रेंड कर रहा है, जहां लोग उनकी फिल्मों के डायलॉग्स जैसे “यारा ओ यारा” और “गब्बर सिंह” सीन “शेयर कर रहे हैं। मैं” जट यमला पगला दीवाना ने सिखाया थिरकना:ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे से पल पल दिल के पास, आज मौसम बड़ा बेईमान है बड़ा, फिल्म- लोफर (1973), ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे, फिल्म- शोले (1975),कोई हसीना जब रूठ जाती है, फिल्म- शोले (1975) इत्यादि अनेक गाने
धर्मेंद्र की सादगी से सदाबहार बन गए ”

बीकानेर से राजनीतिक सफर: सांसद के रूप में योगदान
धर्मेंद्र का बीकानेर से गहरा जुड़ाव रहा। 2004 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से वे राजस्थान के बीकानेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और भारी मतों से जीत हासिल की। 14वीं लोकसभा में वे सांसद बने, लेकिन संसद में उनकी उपस्थिति कम रहने और क्षेत्रीय मुद्दों पर सक्रियता न दिखाने के आरोप लगे। 2009 में उन्होंने दोबारा चुनाव नहीं लड़ा। फिर भी, बीकानेर में उन्हें आज भी “ही-मैन सांसद” के नाम से याद किया जाता है। एक बार उन्होंने संसद में कहा था, “सरकार ने मेरी बात नहीं मानी तो मैं छत से कूद जाऊंगा,” जो उनकी बेबाकी को दर्शाता है।राजस्थान व बीकानेर के बीजेपी नेताओं व जैन कन्या कॉलेज छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष रूचि जैन ने भी बीकानेर से उनके गहरे नाते को याद करते हुए शोक व्यक्त किया।

करियर का सुनहरा अध्याय: 300+ फिल्मों का बादशाह
धर्मेंद्र ने 1960 में “दिल भी तेरा हम भी तेरे” से डेब्यू किया और जल्द ही “ही-मैन” के रूप में मशहूर हो गए। उनके नाम 300 से अधिक फिल्में हैं, जिनमें “शोले”, “धर्मवीर”, “चुपके चुपके”, “सत्याकाम”, “आया सावन झूम के” जैसी क्लासिक्स शामिल हैं। 1990 के दशक में वे चरित्र भूमिकाओं में चमके, जैसे “दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे” में। हाल ही में रिलीज हुई “रॉकी और मयूरी” में भी वे नजर आए।

आज ही, उनकी आखिरी फिल्म “इक्कीस” का फर्स्ट लुक पोस्टर रिलीज हुआ, जिसमें वे अगस्त्य नंदा के पिता की भूमिका में हैं। यह फिल्म 25 दिसंबर 2025 को रिलीज होगी—एक मार्मिक संयोग।
धर्मेंद्र ने अपनी फिल्मी करियर की शुरुआत 1960 में आई फिल्म दिल भी तेरा, हम भी तेरे से की थी. जिसके लिए उन्हें केवल 51 रुपए की फीस मिली थी इसके साथ ही बहुत सारी फिल्मों से धर्मेंद्र ने लोगों का दिल जीत लिया था. शोले, प्रतिज्ञा, सीता और गीता, धर्मवीर जैसी कई हिट फिल्मों में धर्मेंद्र ने काम किया था. अपनी फिल्मी विरासत के साथ-साथ इस महान कलाकार ने अपनी फैमिली के लिए बहुत कुछ पीछे छोड़ा हैं. कुछ मीडिया रिपोर्टके अनुसार धर्मेंद्र की कुल नेटवर्थ करीब 500 करोड़ रुपए हैं.

धर्मेंद्र की संपत्ति और उनके बिजनेस के बारे में….

मुंबई में है शानदार फॉर्म हाउस

धर्मेंद्र की मुंबई स्थित लोनावाला में 100 एकड़ का एक फॉर्म हाउस है. इस प्रॉपर्टी में स्विमिंग पूल, थेरीपी एरिया, बाग समेत अन्य सुविधाएं मौजूद है. हालांकि, इस फॉर्म हाउस की कीमत की जानकारी नहीं है. लेकिन उनके नेटवर्थ का एक हिस्सा ये फॉर्म हाउस भी है. इसके अलावा मुंबई के जुहू समेत महाराष्ट्र में उनकी कई प्रॉपर्टीज है. जिसकी कीमत करीब 17 करोड़ रुपए आंकी जाती है.

गरम धरम ढाबा और ही-मैन रेस्टोरेंट

धर्मेंद्र फिल्मों के अलावा अपने ढाबा और रेस्टोरेंट से भी पैसो की इनकम करते थे. धर्मेंद्र की करनाल हाईवे पर गरम धरम ढाबा और ही-मैन रेस्टोरेंट हैं. गरम धरम ढाबा के बहुत से आउटलेट्स भारत के अलग-अलग शहरों में हैं. जहां से उनकी कमाई होती थी.

प्रोडक्शन हाउस और ऐड फिल्मों से कमाई

धर्मेंद्र का अपना विजेता फिल्म्स नाम का प्रोडक्शन हाउस भी है. धर्मेंद्र ने इसकी शुरुआत साल 1983 में की थी. इसके साथ ही धर्मेंद्र ब्रांड एंडोर्समेंट और ऐड फिल्मों के जरिए भी कमाई करते थे.

परिवार: देओल वंश का स्तंभ
धर्मेंद्र पहली पत्नी प्रकाश कौर से सनी देओल और बॉबी देओल के पिता थे। दूसरी शादी हेमा मालिनी से हुई, जिनसे ईशा और अहाना देओल हुईं। उनका परिवार बॉलीवुड का एक प्रमुख वंश है, जहां सनी, बॉबी, ईशा और करण देओल ने भी नाम कमाया। हेमा मालिनी ने एक बयान में कहा, “वे हमेशा हमारे ही-मैन रहेंगे।”

धर्मेंद्र का निधन हिंदी सिनेमा के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके डायलॉग्स, एक्शन और सादगी भरी मुस्कान हमेशा याद रहेगी। थॉरेक्सप्रेस परिवार के साथ धर्मेंद्र का नजदीकी सम्बद्ध रहा उनके 2004 के लोकसभा चुनाव के समय चुनाव संचालन का व्यक्तिगत रूप से कार्य करने का मौका संपादक जैन लूणकरण छाजेड़ को अजय चोपड़ा के कारण मिला, बहुत ही दयालु व सौम्य व्यक्तित्व के धनी थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। ॐ शांति।

 

 

भीखाराम चान्दमल 15 अक्टूबर 2025
mmtc 2 oct 2025

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