स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से दीपावली से पहले 3 मासूमों के सिर से छीन गया मां का आंचल

shreecreates
quicjZaps 15 sept 2025

जानिये कैसे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की भेंट चढ़ गई अन्नू कंवर

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl
SETH TOLARAM BAFANA ACADMY

बीकानेर, 28 अक्टूबर। नसबंदी ऑपरेशन कराने गई अन्नू कंवर आखिरकार स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की भेंट चढ़ ही गई। दिवाली से पहले ही 3 मासूमों के सिर से मां का आंचल उठ गया। दरअसल, ऑपरेशन के दौरान आंत कट जाने से गंभीर हालत में जा पहुंची अन्नू चार महीने तक जिंदगी-मौत के बीच जंग लड़ती रही। गत शुक्रवार को आखिरकार वह यह जंग हार गई। स्थानीय पीबीएम अस्पताल में अन्नू कंवर ने अपने तीन छोटे-छोटे बच्चों को रोता बिलखता हुआ छोड़कर इस संसार को अलविदा कह दिया। मानवीय संवेदनाएं भी इस दौरान गर्त में जाती दिखीं।

pop ronak
kaosa

दरअसल, लापरवाही की बात सामने आते ही जिस स्वास्थ्य विभाग ने नसबंदी ऑपरेशन करने वाली टीम पर बैन लगाकर आनन-फानन से कार्रवाई करते हुए अपना दामन बचाया था। साथ ही दावा किया था कि मरीज का इलाज व देखभाल भी किया जा रहा है। उसने इलाज की ओर ध्यान देना तो दूर, चार महीने तक विभाग का एक अधिकारी भी फॉलोअप लेने नहीं आया। ढाई महीने तक जयपुर के महात्मा गांधी अस्पताल के आईसीयू में रहने के बाद परिजन उसे अपने गांव भोलासर ले आए। तबीयत बिगड़ी, तो पिछले दिनों पीबीएम अस्पताल में भर्ती कराया, जहां शुक्रवार शाम को अन्नू ने दम तोड़ दिया। शनिवार को सुधबुध खोए परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया।

इस तरह उभरी परिजनों की पीड़ा
मृतका के जेठ भवानी सिंह ने मीडिया को बताया कि विभाग की तरफ से न तो कोई सहायता और जांच की गई और न ही संबंधित डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई। उनके समेत परिजनों की मांग है कि संबंधित डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही की जाए। परिवार को मुआवजा दिया जाए और बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य तथा रोजगार की व्यवस्था की जाए।

6 साल का बड़ा बेटा, आठ माह का दुधमुंहा
अन्नू कंवर अपने पीछे तीन छोटे-छोटे बच्चे छोड़ गई है, जिसमें सबसे छोटे बेटे की उम्र सिर्फ 8 माह है। सबसे बड़ा बेटा 6 साल का है। उसके बाद एक बेटी कोमल 4 साल ही है। मृतका के पति खेती बाड़ी कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे थे।

घटना इस प्रकार घटित हुयी

27 जून 24 को महिला का कोलायत तहसील स्थित हदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर रुद्राक्ष फाउंडेशन के चिकित्सक डा शंकरलाल शर्मा की टीम ने नसबंदी आपरेशन किया था। दो दिन बाद 29 जून को महिला को तकलीफ हुई, तो पीबीएम में डॉ मनोहर को दिखाया। उन्होंने जांच कराने के बाद आंत फटी होने की जानकारी दी और ऑपरेशन कर शौच का रास्ता पेट से निकाला।

स्थिति बिगड़ती देख परिजन मरीज को जयपुर ले गए। वहां ढाई माह तक आईसीयू में रहने के बाद परिजन मरीज को घर ले आए। फिर तबीयत बिगड़ी तो पीबीएम में भर्ती किया, जहां एक और ऑपरेशन हुआ। अंत में सात दिन तक आईसीयू में जिंदगी और मौत से जूझते हुए मरीज ने दम तोड़ दिया।

mmtc 2 oct 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *